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This Article is From May 24, 2016

मजबूर किसान की व्यथा, 952 किलो प्याज बेचकर कमाया बस 1 रुपया

मजबूर किसान की व्यथा, 952 किलो प्याज बेचकर कमाया बस 1 रुपया
इस साल बंपर फसल होने के कारण किसान 'औने पौने दाम' पर प्याज बेचने को मजबूर हैं
पुणे: प्याज की गिरती कीमतों से परेशान एक किसान ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा है कि जिला कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में लगभग एक टन प्याज बेचकर वह बस एक रुपया ही कमा सका है।

प्याज की गिरती कीमतों से किसान परेशान
देवीदास परभाने (48 साल) नाम के इस किसान का कहना है कि प्याज की कीमतों में गिरावट का असर उस जैसे कई किसानों पर पहले ही दिख रहा है। दूसरे किसानों ने भी इस साल बंपर फसल के बावजूद 'औने पौने दाम' वाले सौदे किए हैं। परभाने ने कहा, 'हर दिन हम सूखा प्रभावित इलाकों में किसानों द्वारा आत्महत्या के समाचार सुन रहे हैं। हालांकि, प्याज की कीमतों के इस निचले स्तर तक आने के बाद मेरे जैसे किसानों का भी यही हश्र हो सकता है।'

किसान ने बताया पूरा गणित
परभाने पूरा गणित समझाते हुए कहते हैं कि उसने दो एकड़ जमीन में 80,000 रुपये खर्च करके प्याज उगाया। उन्होंने कहा, '10 मई को मैंने 952 किलो प्याज एक ट्रक में लादकर पुणे स्थित एपीएमसी पहुंचाया। प्रति दस किलो प्याज के लिए मुझे 16 रुपये मिले। यानी एक रुपया साठ पैसे प्रति किलो का भाव मिला।' उन्होंने कहा, 'प्याज की कुल कीमत 1523.20 रुपये मिली, इसमें से बिचौलिये ने 91.35 रुपये कमीशन लिया, श्रमिक शुल्क 59 रुपये रहा। इसके अलावा 18.55 रुपये और 33.30 रुपये विशिष्ट शुल्क के रूप में दिए गए। इसके अलावा 1320 रुपये ट्रक ड्राइवर ने लिए जो प्याज लेकर एपीएमसी गया था। इस प्रकार कुल मिलाकर 1522.20 रुपये खर्च हो गए।'

किसान ने कहा कि सभी कटौतियों के बाद उसके पास केवल एक रुपया ही बचा। उसने कहा, 'मैं कम से कम तीन रपपये प्रति किलो की उम्मीद कर रहा था। लेकिन इस तरह के सौदे से वह निराश है।' एपीएमसी से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी। स्थानीय मीडिया ने इस सौदे में प्याज खरीदने वाले व्यापारी के हवाले से कहा है कि प्याज छोटे आकार का था और गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी।

प्याज किसानों और व्यापारियों ने सीएम फडणवीस से मांगी मदद
इस बीच प्याज व्यापारियों व एपीएमसी लासलगांव के सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिला तथा प्याज की गिरती कीमतों के मुद्दे में हस्तक्षेप का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह अधिक प्याज के निर्यात की इजाजत दे। प्याज उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए और किसानों को होने वाले भारी नुकसान से बचाने के लिये सरकार अतिरिक्त प्याज की खरीदारी करे।

लासलगांव की कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के चेयरमैन जायदाता ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 13.88 लाख टन प्याज का अतिरिक्त उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र में 203.15 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ, जिसमें से 42.80 लाख टन प्याज एपीएमसी को बिक्री के लिए भेजा गया। पिछले साल केवल 35 लाख टन ही भेजा गया था। इससे पता चलता है कि इस साल प्याज का उत्पादन अधिक हुआ है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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