राजेंद्र यादव
फूलपुर, बनारस:
मुआवज़े को लेकर किसानों की ज़िन्दगी सरकारी तंत्र में किस तरह उलझी होती है, इसकी एक बानगी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के फूलपुर में दिखाई देती है। बिंदा के रहने वाले राजेंद्र यादव ने एक ख़त लिखा है जिसमें उन्होंने पूर्व ग्राम प्रधान और लेखपाल के साथ साथ अपनी हत्या की अनुमति मांगी है। उनके इस खत की प्रशासनिक अमले में खासी चर्चा है। चाय बेचकर गुजर बसर करने वाले राजेंद्र की जमीन पर सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था और इनकी माने तो मुआवज़ा तो सही मिला नहीं, साथ ही जो जमीन देने का वायदा किया गया था वह भी आज इनकी नहीं है। राजेंद्र के मुताबिक पूर्व प्रधान और लेखपाल की वजह से ऐसा हो रहा है लिहाज़ा अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि परिवार लेकर कहा जाएं।
यही वजह है कि राजेंद्र ने वाराणसी के जिलाधिकारी, वाराणसी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, यूपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व ग्राम प्रधान और लेखपाल सहित अपनी भी हत्या की अनुमति का एक प्रार्थना पत्र दे डाला। इनकी इस अनुमति मांगने के पत्र को मिलने से प्रशासनिक अमले में खलबली है और वह इसकी जांच करने की बात कह रहे हैं। वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक आकाश कुल्हरी कहते हैं 'कोई भी हत्या करने की परमिशन नहीं देगा, हां जहां तक कब्जा नहीं मिल पा रहा है, तो उसके लिए जांच बैठा दी गयी है। राजेंद्र पर भी कार्यवाही की जा रही है। मामला एस डी एम पिंडरा सुनील कुमार गौंड के पास भी पहुंच गया है जिन्होंने बताया कि जांच चल रही है।
रिश्वत मांगी गयी
गौरतलब है कि राजेंद्र अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे थे लेकिन UPSIDC कंपनी के आने के बाद इनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया। इनकी मानें तो उस वक्त उन्हें मुआवजा तो मिला लेकिन इसके साथ ही इन्हें रहने के लिए जमीन भी देने की बात कही गई। लेकिन ग्राम सभा की जमीन पर जब यह घर बनाने गए तब लेखपाल ने इन्हें रोककर सुविधा शुल्क मांगा। पहले इन्होंने कुछ दिया भी लेकिन बाद में जब दोबारा रिश्वत मांगी गयी तब इन्होंने एक पत्र तैयार किया और पूर्व प्रधान सहित लेखपाल और अपनी हत्या करने की अनुमति मांगी। इनके इस कदम से इनकी पत्नी भी निराश हैं और इनके साथ ही वर्तमान ग्राम प्रधान भी अब इनका हक दिलाने की बात कह रहे हैं।
जमीन अधिग्रहण के बाद किसान के मुआवज़ा न मिलने या वादा खिलाफी किये जाने की घटना कोई नई नहीं है। इसके लिये देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन भी होते रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी ने राजेंद्र की तरह हत्या करने की अनुमति नहीं मांगी है। यही वजह है कि राजेंद्र की ये मांग खासी चर्चा में है।
राजेंद्र का लिखा ख़त
यही वजह है कि राजेंद्र ने वाराणसी के जिलाधिकारी, वाराणसी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, यूपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व ग्राम प्रधान और लेखपाल सहित अपनी भी हत्या की अनुमति का एक प्रार्थना पत्र दे डाला। इनकी इस अनुमति मांगने के पत्र को मिलने से प्रशासनिक अमले में खलबली है और वह इसकी जांच करने की बात कह रहे हैं। वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक आकाश कुल्हरी कहते हैं 'कोई भी हत्या करने की परमिशन नहीं देगा, हां जहां तक कब्जा नहीं मिल पा रहा है, तो उसके लिए जांच बैठा दी गयी है। राजेंद्र पर भी कार्यवाही की जा रही है। मामला एस डी एम पिंडरा सुनील कुमार गौंड के पास भी पहुंच गया है जिन्होंने बताया कि जांच चल रही है।
रिश्वत मांगी गयी
गौरतलब है कि राजेंद्र अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे थे लेकिन UPSIDC कंपनी के आने के बाद इनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया। इनकी मानें तो उस वक्त उन्हें मुआवजा तो मिला लेकिन इसके साथ ही इन्हें रहने के लिए जमीन भी देने की बात कही गई। लेकिन ग्राम सभा की जमीन पर जब यह घर बनाने गए तब लेखपाल ने इन्हें रोककर सुविधा शुल्क मांगा। पहले इन्होंने कुछ दिया भी लेकिन बाद में जब दोबारा रिश्वत मांगी गयी तब इन्होंने एक पत्र तैयार किया और पूर्व प्रधान सहित लेखपाल और अपनी हत्या करने की अनुमति मांगी। इनके इस कदम से इनकी पत्नी भी निराश हैं और इनके साथ ही वर्तमान ग्राम प्रधान भी अब इनका हक दिलाने की बात कह रहे हैं।
जमीन अधिग्रहण के बाद किसान के मुआवज़ा न मिलने या वादा खिलाफी किये जाने की घटना कोई नई नहीं है। इसके लिये देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन भी होते रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी ने राजेंद्र की तरह हत्या करने की अनुमति नहीं मांगी है। यही वजह है कि राजेंद्र की ये मांग खासी चर्चा में है।
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