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समझा जाता है कि सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों के बीच से दहशत दूर करने के लिए फेसबुक, गूगल और ट्विटर समेत सोशल नेटवर्किंग साइटों पर 80 इंटरनेट पेजों और यूजर एकाउंट पर रोक का आदेश जारी किया।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इन सभी साइटों पर उत्तेजक और घृणास्पद सामग्री हैं और वे अफवाहें फैला रही हैं तथा पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ हिंसा भड़का रही हैं।
शनिवार को सरकार ने 76 वेबसाइटों पर प्रतिबंध का निर्देश जारी किया था। सरकार ने कहा था कि कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पूर्वोत्तर के लोगों के बीच दहशत पैदा करने वाले अफवाहों का स्रोत पाकिस्तान है।
सूत्रों ने कहा, ‘हमने फेसबुक और गुगल के कुछ पेजों पर उत्तेजक और आपत्तिजनक सामग्री पाई हैं। ट्विटर पर कुछ यूजर एकाउंट भी ऐसी तरह की सामग्री फैलाते हुए पाए गए। कुल मिलाकर करीब 80 पेजों और एकाउंट बंद करने का आदेश दिया गया।’ संभावित हमले की अफवाहों से बेंगलुरू, चेन्नई, मुम्बई तथा पुणे समेत कई स्थानों से बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों का अपने राज्यों की ओर पलायन हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष रहमान मलिक से उनके देश में मौजूद ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया जो भारत में सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने तथा घृणा फैलाने के लिए सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइटों का उपयोग कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी संगठन पर संदेह है कि वह तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें भारत में पूर्वोत्तर के लोगों के बीच दशहत फैलाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से फैला रहा है।
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