जून 2014 में भारत से श्रीलंका की भुवलका स्टील कंपनी में नौकरी करने गए 77 भारतीय मजदूर वहां फंसे हुए हैं। मजदूरों का आरोप है कि पिछले दो महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है और वे भारत वापस आना चाहते हैं, लेकिन कंपनी उन्हें पासपोर्ट और एग्रीमेंट की कॉपी नहीं दे रही।
मजदूरों का कहना है कि उन्होंने इस बात की शिकायत भारतीय उच्चायोग से की है, लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है।
दरअसल जिस भुवलका कंपनी में ये मजदूर काम करते हैं, वह बैंगलुरु की है। कंपनी के एमडी का कहना है कि इस महीने की दो तारीख को मजदूरों को खाने के पैसे दे दिए गए हैं और नवंबर में उन्होंने काम में कोताही कर सिर्फ 70 फीसदी प्रोडक्शन किया, जिसकी वजह से उनका वेतन रोक दिया गया है। जबकि दिसंबर से फैक्टरी में काम बंद है।
कंपनी के मुताबिक एग्रीमेंट के अनुसार काम छोड़ने के लिए छह महीने का नोटिस देना होता है, ताकि उनकी जगह पर दूसरे मजदूरों की व्यवस्था की जा सके। कंपनी के मुताबिक इस मामले की जांच भारतीय हाई कमीशन कर रहा है।
वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त से बात कर कहा है कि वह मज़दूरों को जल्द से जल्द भारत भेजने का इंतज़ाम करें।
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