देश में आज 76वें संविधान दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन जो 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की याद दिलाता है. यह दिन डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के सिद्धांतों पर आधारित है. इसके अलावा कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच टकराव ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. साथ ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. नीचे पढ़ें आज के प्रमुख अपडेट्स...
नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया.

Samvidhan Diwas 2025: संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान- द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हमारा संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान है, ये औपनिवेशिक पहचान को त्याग करके राष्ट्रवादी भावना के साथ आगे बढ़ने का मार्गदर्शक ग्रंथ है. दंड के स्थान पर न्याय की भावना पर आधारित भारतीय न्याय संहिता को लागू किया गया है. ऐसे अनेक प्रगतिशील चीजों को सार्थक विमर्श के बाद पारित करने के लिए मैं संसद सदस्यों की सराहना करती हूं.'
'संविधान और लोकतंत्र के प्रति आदर व्यक्त कर रहा देश', संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज पूरा देश भारतीय लोकतंत्र के आधार हमारे संविधान और उसके निर्माताओं के प्रति आदर व्यक्त कर रहा है. उन्होंने कहा, 'हम सामूहिक स्तर पर संविधान में आस्था व्यक्त करते हैं और युवाओं को संवैधानिक आदर्शों से अवगत कराया जाता है.'
राष्ट्रपति ने भारतीय संसद को विश्व के अनेक लोकतंत्रों के लिए उदाहरण बताते हुए कहा, 'मुझे यह कहते हुए अत्यंत प्रसन्नता होती है कि हमारी संसद ने कई अच्छे उदाहरण पेश किए हैं. संविधान निर्माताओं की आशाओं पर खरा उतरने के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देती हूं.' उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता हमारे संविधान का मूल है.
राष्ट्रपति ने देश की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, 'भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहा है. लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी की सीमा रेखा से बाहर आए हैं, जो आर्थिक न्याय के पैमाने पर विश्व की सबसे बड़ी सफलता है.'

Samvidhan Diwas 2025: कश्मीर में चुनाव से दुनिया को लोकतंत्र में हमारी आस्था का एहसास हुआ- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने कहा, '... अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, 2024 में जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में, बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मतदान किया, जिससे दुनिया को लोकतंत्र में हमारी आस्था का एहसास हुआ. हाल ही में हुए बिहार चुनावों में, विशेष रूप से महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी ने, हमारी माx भारती के लोकतंत्र के मुकुट में एक और अनमोल हीरा जड़ दिया है. संविधान सभा की महिला सदस्यों द्वारा दिया गया योगदान अतुलनीय था...'
भारत जल्द बनेगा तीसरी अर्थव्यवस्था- संविधान दिवस पर सीपी राधाकृष्णन का संदेश
संविधान दिवस के अवसर पर सीपी राधाकृष्णन ने सभी भारतवासियों को बधाई देते हुए कहा कि 26 नवंबर अब हर भारतीय के गर्व का उत्सव बन गया है. उन्होंने कहा, 'हमारा संविधान संविधान सभा में महान नेताओं की बहस और विचार-विमर्श के बाद मंजूर हुआ. यह हमें न्याय, समानता और गरिमा देता है.'
राधाकृष्णन ने देश की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, 'हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनेंगे. पिछले दस वर्षों में लाखों लोग गरीबी की रेखा से बाहर आए हैं.' उन्होंने संविधान के आदर्शों को आत्मसात करने और 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प पर जोर दिया.

संविधान सभा का यह केंद्रीय कक्ष वह पवित्र स्थल है... - ओम बिड़ला ने संविधान निर्माताओं को किया याद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, 'इस पावन अवसर पर, हम भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद, हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उनकी अद्भुत बुद्धिमत्ता, दूरदर्शिता और अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप एक ऐसा भव्य संविधान निर्मित हुआ, जो प्रत्येक नागरिक के लिए न्याय, समानता, बंधुत्व और सम्मान की गारंटी देता है... संविधान सभा का यह केंद्रीय कक्ष वह पवित्र स्थल है जहां गहन चर्चा, संवाद और विचार-विमर्श के बाद हमारे संविधान को आकार दिया गया; जन आकांक्षाओं को संवैधानिक प्रावधानों में समाहित किया गया. पिछले सात दशकों में, हमारे संविधान के मार्गदर्शन में, हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नीतियाँ और कानून बनाए हैं. हमारे संविधान के मार्गदर्शन में, हमने सुशासन और सामाजिक-आर्थिक विकास की एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है.'
Samvidhan Diwas 2025: ‘हम भारत के लोग’ गौरवांवित करता है- ओम बिड़ला
संविधान दिवस के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि हमें ऐसा महान संविधान मिला है जो न्याय, समानता, बंधुत्व और हर नागरिक के सम्मान और गरिमा की गारंटी देता है. उन्होंने कहा कि संविधान सभा वह मंच था जहां विचार-मंथन के बाद संविधान को आकार दिया गया.
ओम बिड़ला ने कहा, 'पिछले सात दशकों में हमने नीतियां और न्याय बनाए, आर्थिक और सामाजिक विकास की यात्रा तय की. हमारा संविधान का गौरव है कि प्रस्तावना में लिखा है ‘हम भारत के लोग’. सभी का सामूहिक लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाए. इसके लिए हमें संविधान के मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करना होगा और अपने कर्तव्यों को निभाना होगा.'
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे.

संविधान दिवस पर संसद भवन से LIVE प्रसारण देखें-
Constitution Day: संसद पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू
76वें संविधान दिवस समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संसद भवन पहुंच चुकी हैं. उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी साथ मौजूद हैं.
Samvidhan Diwas: संसद पहुंचे पीएम मोदी
संविधान दिवस समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन के सेंट्रल हॉल पहुंच गए हैं.
Constitution Day: संविधान पर हमला होगा तो मैं सबसे पहले खड़ा होऊंगा- राहुल गांधी
संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है. उन्होंने कहा, 'यह वादा है कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर सभी को समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा.'
राहुल गांधी ने संविधान को गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच बताते हुए कहा कि यह उनकी ताकत है और हर नागरिक की आवाज है. उन्होंने कहा, 'जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं. आइए हम संकल्प लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का हमला नहीं होने देंगे.इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है, और इस पर किसी भी हमले के खिलाफ मैं सबसे पहले खड़ा होऊंगा.'
भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 26, 2025
वादा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा।
संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच… pic.twitter.com/yjIDxhFfGo
संविधान दिवस पर बोले स्टालिन
संविधान दिवस के अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि भारत सभी लोगों का है, न कि किसी एक संस्कृति या विचारधारा का. उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान में निहित सच्चे संघवाद (फेडरलिज़्म) को बनाए रखने और हर राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी.
संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस पर बधाई दी है. पीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'संविधान दिवस पर, हम अपने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उनकी दूरदर्शिता और दूरदर्शिता हमें एक विकसित भारत के निर्माण के लिए निरंतर प्रेरित करती है. हमारा संविधान मानवीय गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व देता है. यह हमें अधिकारों से सशक्त बनाने के साथ-साथ हमें नागरिक के रूप में हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है, जिन्हें हमें सदैव निभाने का प्रयास करना चाहिए. ये कर्तव्य एक सशक्त लोकतंत्र की नींव हैं. आइए हम अपने कार्यों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं.
बिहार चुनाव में जीत के बाद नड्डा के आवास पर डिनर आज
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार इतिहास रचा है. अब इस ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इन नेताओं के सम्मान में आज दिल्ली में एक भव्य डिनर का आयोजन किया है. इस डिनर में “स्पेशल 45” के सभी सदस्य शामिल होंगे. वे अपने अनुभव साझा करेंगे, जिससे पार्टी को आने वाले पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम जैसे राज्यों के चुनावों के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी. संभावना है कि बिहार का यह सफल मॉडल अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा.
26/11 हमले की 17वीं बरसी आज
देश मना रहा 76वां संविधान दिवस
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकृत किया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. 2015 से यह दिन आधिकारिक रूप से 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है. संविधान सभा में 299 सदस्य थे, जिन्होंने 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिनों में विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार किया.