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This Article is From Jun 04, 2022

UP: गाजियाबाद में 5 साल की बच्ची को खुजली, रैशेज की शिकायत, मंकीपॉक्स जांच के लिए भेजे गए सैंपल

मंकीपॉक्स (MPX) के मामलों की बढ़ती रिपोर्टों के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को देश भर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' जारी किए हैं.

UP: गाजियाबाद में 5 साल की बच्ची को खुजली, रैशेज की शिकायत, मंकीपॉक्स जांच के लिए भेजे गए सैंपल
उच्च जोखिम वाले देशों से आ रहे यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षण की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी.
गाजियाबाद:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद में पांच साल की एक बच्ची के शरीर पर खुजली और रैशेज की शिकायत के बाद उसमें मंकीपॉक्स (Monkeypox) संक्रमण की जांच की जा रही है. गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि परीक्षण सिर्फ एक "एहतियाती उपाय" है क्योंकि लड़की को कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है, और न ही उसका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट संपर्क रहा है जिसने पिछले महीने विदेश यात्रा की है.

सीएमओ गाजियाबाद ने कहा, "एहतियाती उपाय के रूप में, पांच साल की बच्ची के नमूने को मंकीपॉक्स के परीक्षण के लिए एकत्र किया गया है, क्योंकि उसके शरीर पर खुजली और चकत्ते की शिकायत थी. उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है और न ही उसने और न ही उसके किसी करीबी संपर्क में रहने वाले किसी ने पिछले एक महीने में विदेश यात्रा की है."

मंकीपॉक्स (MPX) के मामलों की बढ़ती रिपोर्टों के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को देश भर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' जारी किए हैं. उन दिशानिर्देशों के अनुसार, पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) और/या अनुक्रमण द्वारा वायरल डीएनए के अद्वितीय अनुक्रमों का पता लगाकर मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक पुष्ट मामले की पुष्टि की जा सकती है.

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दिशानिर्देशों में कहा गया है, "सभी नैदानिक ​​नमूनों को संबंधित जिले / राज्य के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से आईसीएमआर-एनआईवी (पुणे) की शीर्ष प्रयोगशाला में भेजा जाना चाहिए."

"दिशानिर्देश में  संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के रूप में निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान करने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा मानव-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. दिशा-निर्देश में संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) के उपायों, आईपीसी की व्याख्या , होम आइसोलेशन,  रोगी के अलगाव, एम्बुलेंस स्थानांतरण की रणनीतियाँ, अलगाव प्रक्रियाओं की अवधि,आदि का जिक्र किया गया है.

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दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी में भी संक्रमण के लक्षण आने के बाद लगातार 21 दिनों तक उसके कॉन्टैक्ट डिटेल्स की दैनिक निगरानी जरूरी है.

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