पीएम नरेंद्र मोदी के पांच संकल्प
नई दिल्ली:
देश की आज़ादी के लिए वर्ष 1942 में छेड़े गए 'भारत छोड़ो आंदोलन' के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि जीवन की अच्छी घटनाओं को याद करने से ताकत मिलती है और नई पीढ़ी तक सही बात पहुंचाना हमारा कर्तव्य रहता है. पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्वर्णिम पृष्ठों को आने वाली पीढ़ियों को पहुंचाना हमारा दायित्व रहता है.
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1942 से 1947 का समय हाई जंप वाला
इस दौरान पीएम मोदी ने 1942 से 1947 के बीच के समय को हाई जंप वाला समय बताया. घटनाएं इस समय तेजी से बदलीं. उन्होंने कहा, वही पांच साल का 'हाई जंप' वाला समय हम 2017 से 2022 के बीच दोबारा ले आएं, तो भारत पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनेगा. 2017 से 22 के दौरान हम मिलकर काम करेंगे, तो भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. हम 2022 तक देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे.
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इस दौरान पीएम मोदी ने पांच संकल्प भी लिए
गांधी का मंत्र था करेंगे या मरेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी का मंत्र था करेंगे या मरेंगे और आजाद हिन्दुस्तान का मंत्र है - करेंगे और करके रहेंगे. पीएम ने कहा, महात्मा गांधी के मुंह से 'करेंगे या मरेंगे' शब्द देश के लिए अजूबा थे. गांधी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी भी चीज पर संतुष्ट होने वाला नहीं हूं. हम करेंगे या मरेंगे. उस समय जनभावनाओं के अनुकूल बापू ने इन शब्दों का प्रयोग किया था. हर कोई इन शब्दों के साथ जुड़ गया था.
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1942 से 1947 का समय हाई जंप वाला
इस दौरान पीएम मोदी ने 1942 से 1947 के बीच के समय को हाई जंप वाला समय बताया. घटनाएं इस समय तेजी से बदलीं. उन्होंने कहा, वही पांच साल का 'हाई जंप' वाला समय हम 2017 से 2022 के बीच दोबारा ले आएं, तो भारत पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनेगा. 2017 से 22 के दौरान हम मिलकर काम करेंगे, तो भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. हम 2022 तक देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे.
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इस दौरान पीएम मोदी ने पांच संकल्प भी लिए
- सभी मिलकर गरीबों को उनका अधिकार दिलाएंगे
- नौजवानों को रोजगार के अवसर देंगे और देकर रहेंगे
- कुपोषण के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे और लड़के रहेंगे.
- महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकने वाली बेड़ियों को खत्म करेंगे और करके रहेंगे
- अशिक्षा को खत्म करेंगे और करके रहेंगे.
गांधी का मंत्र था करेंगे या मरेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी का मंत्र था करेंगे या मरेंगे और आजाद हिन्दुस्तान का मंत्र है - करेंगे और करके रहेंगे. पीएम ने कहा, महात्मा गांधी के मुंह से 'करेंगे या मरेंगे' शब्द देश के लिए अजूबा थे. गांधी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी भी चीज पर संतुष्ट होने वाला नहीं हूं. हम करेंगे या मरेंगे. उस समय जनभावनाओं के अनुकूल बापू ने इन शब्दों का प्रयोग किया था. हर कोई इन शब्दों के साथ जुड़ गया था.
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