कश्मीर घाटी में बाढ़ का पानी कम होने के बाद शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि 43 लोगों के शव बरामद हुए हैं, जिनमें 14 बच्चों के हैं। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जीबी पंत अस्पताल में 14 बच्चे मृत पाए गए।
शहर में श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल (एसएमएचएस) और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल सहित सभी मुख्य अस्पताल बाढ़ में डूब गए थे। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के शिवपुरा, राजबाग, जवाहर नगर, वजीरबाग, गोगजीबाग, करण नगर, शेत्रशाही, बेमीना, कामारवाड़ी सहित दूसरे रिहायशी इलाकों में चार से 10 फुट तक पानी भर गया था।
शहर के प्रमुख व्यवसायिक इलाकों लाल चौक, रेजीडेंसी रोड, मैसुमा, हरि सिंह हाई स्ट्रीट और करण नगर अब भी बाढ़ में डूबे हुए हैं। ऐसा अनुमान है कि बाजारों में बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है। श्रीनगर के पुराने इलाकों में वैसे तो बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है, लेकिन बाजारों में माल का आयात नहीं हो पाने के कारण बाजार और दुकानें पिछले छह दिनों से बंद हैं।
कश्मीर घाटी से संपर्क का एक मात्र सड़कमार्ग श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार को लगातार छठे दिन बंद है और इसे चालू करने के लिए प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि राज्य के मुख्य वित्तीय संस्थान जम्मू एवं कश्मीर बैंक लिमिटेड और वहां मौजूद सभी आंकड़े सुरक्षित हैं और लोगों को अपनी जमा निधि के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उत्तर कश्मीर के गंदरबल जिले में पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। अधिकारियों ने पेट्रोलियम उत्पाद का आयात मनाली-लेह-श्रीनगर राजमार्ग के रास्ते शुरू किया है।
अधिकारियों ने कहा कि 15,000 से ज्यादा लोग श्रीनगर हवाई अड्डे पर बाढ़ग्रस्त घाटी से बाहर निकाले जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय रेडियो चैनल और दूरदर्शन में अब तक सेवा पुन: शुरू नहीं की जा सकी है। बाढ़ संबंधित सूचनाओं के लिए शुक्रवार को प्रसार भारती के एफएम स्टेशन से प्रसारण का वैकल्पिक प्रबंध किया गया।
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