फाइल फोटो
नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने कहा है कि भारत, बांग्लादेश और नेपाल में बाढ़ तथा भूस्खलन से तकरीबन 4.1 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और सैलाब प्रभावित कुछ इलाकों में बारिश जारी रहने से हालात और ज्यादा बिगड़ने का अंदेशा है. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियां भारत, बांग्लादेश और नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित 4.1 करोड़ लोगों के लिए साफ पानी, भोजन, आश्रय और चिकित्सकीय सहायता के लिए नेपाल में सरकार और साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं. बांग्लादेश, भारत और नेपाल में बाढ़ से करीब एक हजार लोगों की जान जा चुकी है और हजारों मकान, स्कूल तथा अस्पताल नष्ट हो गए हैं.
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मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने आज एक अद्यतन नोट में कहा, 'अंदेशा है कि स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों में बारिश जारी है और सैलाब का पानी दक्षिण की ओर बढ़ रहा है.' नोट में कहा गया है तीन देशों में सरकारें मानवीय एजेंसियों, राष्ट्रीय रेड क्रॉस/रेड क्रीसेंट सोसायटियों, निजी सेक्टर और सेना के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। बहरहाल, सड़कें, पुल, रेलवे और हवाई अड्डों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से कई इलाके पहुंच के बाहर हैं. ओसीएचए ने कहा कि भारत में कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य चल रहा है और फंसे हुए लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला जा रहा है. 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 3.21 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
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इसके अलावा आपदा से विस्थापित हुए लोगों के लिए बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां उन्हें खाद्य सामग्री और आश्रय मुहैया कराया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के विस्तार के साथ ही शिविरों की संख्या बढ़ रही है. सरकार ने हाल ही में राहत, पुनर्वास, और पुननिर्माण के लिए अतिरिक्त कोष का ऐलान किया है. इसके अलावा, भारत में अधिकारियों ने यह भी खबर दी है कि एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य उद्यान बाढ़ की वजह से तबाह हो गया और कुछ लुप्तप्राय पशुओं की मौत हो गई.
इनपुट : भाषा
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मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने आज एक अद्यतन नोट में कहा, 'अंदेशा है कि स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों में बारिश जारी है और सैलाब का पानी दक्षिण की ओर बढ़ रहा है.' नोट में कहा गया है तीन देशों में सरकारें मानवीय एजेंसियों, राष्ट्रीय रेड क्रॉस/रेड क्रीसेंट सोसायटियों, निजी सेक्टर और सेना के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। बहरहाल, सड़कें, पुल, रेलवे और हवाई अड्डों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से कई इलाके पहुंच के बाहर हैं. ओसीएचए ने कहा कि भारत में कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य चल रहा है और फंसे हुए लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला जा रहा है. 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 3.21 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
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इसके अलावा आपदा से विस्थापित हुए लोगों के लिए बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां उन्हें खाद्य सामग्री और आश्रय मुहैया कराया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के विस्तार के साथ ही शिविरों की संख्या बढ़ रही है. सरकार ने हाल ही में राहत, पुनर्वास, और पुननिर्माण के लिए अतिरिक्त कोष का ऐलान किया है. इसके अलावा, भारत में अधिकारियों ने यह भी खबर दी है कि एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य उद्यान बाढ़ की वजह से तबाह हो गया और कुछ लुप्तप्राय पशुओं की मौत हो गई.
इनपुट : भाषा
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