नई दिल्ली:
एस्सार समूह के रवि रुइया और तीन अन्य आरोपी, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत में पेश हुए और उन्होंने जमानत की अर्जी दायर की। इससे पहले चारों आरोपी कई बार अदालत में पेश नहीं हुए थे।
सीबीआई ने अदालत से कहा कि वह जमानत अर्जी पर अपने जवाब दायर करेगी। इस पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने जमानत पर बहस 21 अप्रैल तक टाल दी।
एस्सार समूह के प्रमोटर रवि रुइया, अंशुमान रुइया, और लूप टेलीकॉम के प्रमोटर आई.पी. खेतान व किरण खेतान को इसके पहले 27 जनवरी, 22 फरवरी और 17 मार्च को तीन बार अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी चारों आरोपियों को पेशी से छूट देते हुए निर्देश दिया था कि उन्हें 31 मार्च को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना चाहिए, क्योंकि अदालत में पेश होना उनके हित में होगा।
सीबीआई द्वारा 2जी मामले में दायर तीसरे आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि एस्सार समूह ने 2008 में दूरसंचार लाइसेंस हासिल करने के लिए लूप टेलीकॉम को एक फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया। वोडाफोन में 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले एस्सार समूह की लूप टेलीकॉम में ठोस हिस्सेदारी है और इस तरह इस समूह ने दूरसंचार नियमों का उल्लंघन किया है।
सीबीआई ने अदालत से कहा कि वह जमानत अर्जी पर अपने जवाब दायर करेगी। इस पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने जमानत पर बहस 21 अप्रैल तक टाल दी।
एस्सार समूह के प्रमोटर रवि रुइया, अंशुमान रुइया, और लूप टेलीकॉम के प्रमोटर आई.पी. खेतान व किरण खेतान को इसके पहले 27 जनवरी, 22 फरवरी और 17 मार्च को तीन बार अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी चारों आरोपियों को पेशी से छूट देते हुए निर्देश दिया था कि उन्हें 31 मार्च को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना चाहिए, क्योंकि अदालत में पेश होना उनके हित में होगा।
सीबीआई द्वारा 2जी मामले में दायर तीसरे आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि एस्सार समूह ने 2008 में दूरसंचार लाइसेंस हासिल करने के लिए लूप टेलीकॉम को एक फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया। वोडाफोन में 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले एस्सार समूह की लूप टेलीकॉम में ठोस हिस्सेदारी है और इस तरह इस समूह ने दूरसंचार नियमों का उल्लंघन किया है।