राहुल गांधी ने लंदन में 2019 के चुनावों को लेकर बयान दिया है.
नई दिल्ली:
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है. लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों उत्तर प्रदेश में विपक्षी खेमा एकजुट होकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी को 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी. राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा के खिलाफ तमाम दलों की गोलबंदी की चर्चा जोरों पर है. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही बीएसपी चीफ मायावती ने भी गठबंधन को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी उसी सूरत में गठबंधन सरकार में शामिल होगी, जब उन्हें लोकसभा सीटों की सम्मानजनक संख्या दी जाएगी.
यह भी पढ़ें : आम चुनाव 2019 में गठबंधन से पहले ही मायावती ने कांग्रेस को दी चेतावनी, कहा- सम्मानजनक सीटें मिलीं तभी बनेगी बात
मायावती ने चेतावनी भी दी कि जो कांग्रेस नेता राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में BSP से गठबंधन को लेकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उन पर भी (उत्तर प्रदेश में) वही शर्तें लागू होती हैं. दूसरी तरफ यह बात भी सामने आई थी कि 2019 में कांग्रेस को किसी भी दल के पीएम से गुरेज़ नहीं है, बशर्ते वह आरएसएस-भाजपा का न हो. कांग्रेस सूत्रों ने साफ कहा कि फिलहाल ध्येय बीजेपी सरकार को हटाना है और सभी विपक्षी दल इस पर साथ हैं. जब जीत जाएंगे तभी पीएम चुनने की बात आएगी. क्या मायावती या ममता पीएम के तौर पर कांग्रेस को मान्य होंगी? इस पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि जो पीएम आरएसएस का न हो वो स्वीकार है और ये दोनों निश्चित रूप से आरएसएस के नहीं हैं.
2019 में पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस ने बनाया ये 'मास्टर प्लान'
कांग्रेस 2019 में जीत के लिए भी आश्वस्त है. उसका साफ मानना है कि उत्तर प्रदेश-बिहार के रास्ते ही सरकार बनती है और वहां गठबंधन की तस्वीर साफ है. अगर 270 से कम सीटें आती हैं तो बीजेपी के अंदर ही नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर स्वीकार्य नहीं होंगे. बीजेपी के अपने सहयोगी जैसे शिवसेना और टीडीपी छिटक गए हैं. फिर ये बीजेपी से सीधी लड़ाई है. आरएसएस के लिए ज़रा भी जगह नहीं छोड़ी जाएगी.
VIDEO : सहयोगी दलों ने उठाए सवाल
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मायावती ने चेतावनी भी दी कि जो कांग्रेस नेता राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में BSP से गठबंधन को लेकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उन पर भी (उत्तर प्रदेश में) वही शर्तें लागू होती हैं. दूसरी तरफ यह बात भी सामने आई थी कि 2019 में कांग्रेस को किसी भी दल के पीएम से गुरेज़ नहीं है, बशर्ते वह आरएसएस-भाजपा का न हो. कांग्रेस सूत्रों ने साफ कहा कि फिलहाल ध्येय बीजेपी सरकार को हटाना है और सभी विपक्षी दल इस पर साथ हैं. जब जीत जाएंगे तभी पीएम चुनने की बात आएगी. क्या मायावती या ममता पीएम के तौर पर कांग्रेस को मान्य होंगी? इस पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि जो पीएम आरएसएस का न हो वो स्वीकार है और ये दोनों निश्चित रूप से आरएसएस के नहीं हैं.
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कांग्रेस 2019 में जीत के लिए भी आश्वस्त है. उसका साफ मानना है कि उत्तर प्रदेश-बिहार के रास्ते ही सरकार बनती है और वहां गठबंधन की तस्वीर साफ है. अगर 270 से कम सीटें आती हैं तो बीजेपी के अंदर ही नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर स्वीकार्य नहीं होंगे. बीजेपी के अपने सहयोगी जैसे शिवसेना और टीडीपी छिटक गए हैं. फिर ये बीजेपी से सीधी लड़ाई है. आरएसएस के लिए ज़रा भी जगह नहीं छोड़ी जाएगी.
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