छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले के दौरान मैदान छोड़कर भागने के आरोपी सीआरपीएफ के 17 जवानों को निलंबित कर दिया गया है। इन जवानों पर आरोप है कि साथी पुलिसकर्मियों के नक्सली एंबुश में फंसने के बाद ये उन्हें बचाने की बजाय वहां से पीठ दिखाकर भाग निकले थे।
गौरतलब है कि 11 मई 2014 को बस्तर संभाग के दरभा थाना क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की 80वीं बटालियन के जवान, ग्राम टहाकवाड़ा में भारी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर रवाना किए गए थे। 46 सदस्यीय इस टुकड़ी के 20 जवान घात लगाए नक्सलियों के एंबुश में फंस गए थे, जिसमें 14 जवानों को प्राण न्यौछावर करने पड़े थे।
इस हमले में विक्रम निषाद नामक एक ग्रामीण भी मारा गया था। इस नक्सली हमले के वक्त जो 17 जवान पीछे चल रहे थे और नक्सलियों के एंबुश के बाहर थे, अगर उन्होंने अपने साथियों को बचाने कवरिंग फायर दी होती तो पुलिस के इतने जवानों की शहादत नहीं होती।
हमले में फंसे एक घायल जवान जिसके हाथ में गोली लगी थी, उसने लौटकर पुलिस अधिकारियों को बताया था कि नक्सलियों ने दो तरफ से घेरकर उन्हें निशाना बनाया था।
सीआरपीएफ के डीआईजी केके सिन्हा ने 17 जवानों के निलंबन की पुष्टि करते हुए बताया कि इस तरह की घोर लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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