अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दबाव बढ़ाने की तैयारी में है वाईएसआर कांग्रेस

अगर 6 अप्रैल तक हमारे अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया तो वाईएसआर कांग्रेस के सभी पांच लोकसभा सांसद इस तारीख को ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दबाव बढ़ाने की तैयारी में है वाईएसआर कांग्रेस

संसद की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

अपने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वाईएसआर कांग्रेस लोकसभा में अपना दबाव और बढ़ाने की तैयारी में है. पार्टी ने कहा है कि अगर छह अप्रैल तक संसद में अविश्वास प्रस्ताव मंज़ूर नहीं हुआ तो उसके सभी सांसद लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे. जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने एनडीटीवी से बातचीत में यह कहकर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चल रही राजनीति को नई दिशा देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि "अगर 6 अप्रैल तक हमारे अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया तो वाईएसआर कांग्रेस के सभी पांच लोकसभा सांसद इस तारीख को ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे".  दरअसल एनडीए सरकार की घेराबंदी में फिलहाल सबसे आगे दिख रही वाईएसआर कांग्रेस ने ये बात कहकर दबाव और बढ़ा दिया है. उधर बजट सत्र के दूसरे चरण के लगातार 11वें दिन संसद के दोनों सदनों में हंगामा चलता रहा, काम टलता रहा.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में हंगामे के बीच विपक्ष से अपील की कि विपक्ष शांति बनाए जिससे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हो सके. लेकिन विपक्षी सांसदों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. दरअसल सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव की डबल मार है. दूसरा नोटिस टीडीपी का है. लगातार दूसरे दिन उसने ये नोटिस दिया. कांग्रेस खुलकर टीडीपी के साथ खड़ी दिख रही है. पार्टी की नेता रेणुका चौधरी ने एनडीटीवी से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस टीडीपी के साथ खड़ी हैं. वो अपने वादे से पीछे नहीं हटेगी. कांग्रेस और लेफ्ट सहित कुछ और दलों के अलावा नेशनल कॉन्फ़्रेंस ने भी विपक्ष का साथ देने का ऐलान कर दिया है. पार्टी के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा - नेशनल कांफ्रेस विपक्ष के साथ रहेगी. विपक्ष के लिए भले ये गोलबंदी का मौक़ा हो, लेकिन आंध्र और तेलंगाना की राजनीतिक जंग भी है और इसी वजह से जब टीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ममता से मिल रहे थे तो उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव से अलग रहने की बात कर रही थी.

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बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एक फेडरल फ्रंट बनाना ज़रूरी है और इसके लिए एक सोच वाले दलों से बात करना बेहद ज़रूरी होगा. जबकि टीआरएस नेता चंद्रशेखर राव ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एक नया राजनीतिक विकल्प तैयार करना देश के विकास के लिए बेहद ज़रूरी हो गया है.

VIDEO: अविश्वास प्रस्ताव मंजूर करने की मांग बढ़ी.


टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से रखा गया अविश्वास प्रस्ताव संसद में विपक्ष की एकजुटता को टेस्ट करने का एक महत्वपूर्ण ज़रिया बन गया है. हालांकि अधिकतर विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है लेकिन टीआरएस ने कहा है कि उसका इस अविश्वास प्रस्ताव से कोई लेना-देना नहीं है.


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