योगी आदित्यनाथ की लोकसभा में उपस्थिति 77 फीसदी रही
नई दिल्ली:
लोकसभा सदस्य के तौर पर संसद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति 77 प्रतिशत रही, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की उपस्थिति सबसे कम महज छह प्रतिशत रही. हाल ही में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, उनमें से दो राज्यों - गोवा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्रमश: मनोहर पर्रिकर तथा योगी आदित्यनाथ संसद सदस्य हैं, जबकि अमृतसर से लोकसभा सदस्य कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था.
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक गोरखपुर से 44-वर्षीय सांसद योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भी लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया. उन्होंने वर्तमान लोकसभा में 284 प्रश्न पूछे हैं, 56 चर्चाओं में हिस्सा लिया है और तीन निजी सदस्य विधेयक पेश किए हैं. योगी ने हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, लेकिन लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र अभी नहीं दिया है. आदित्यनाथ की ओर से लाए गए विधेयकों में से एक गोरखपुर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ स्थापित करने संबंधी थी. 1998 में 26 वर्ष की आयु में राजनीति में आए आदित्यनाथ गोरखपुर सीट पांच बार जीत चुके हैं.
दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने कार्यकाल में कोई निजी विधेयक पेश नहीं किया. 75-वर्षीय नेता ने महज 18 सवाल पूछे और चार चर्चाओं में भाग लिया.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से भाजपा सांसद हैं. उनकी उपस्थिति 82 प्रतिशत रही है. हालांकि उन्होंने कोई निजी विधयेक पेश नहीं किया, लेकिन उन्होंने 158 सवाल पूछे और 122 चर्चाओं में हिस्सा लिया.
आदित्यनाथ और मौर्य अब लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देंगे. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मौजूदा पदों पर बने रहने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य निर्वाचित होना होगा. इसी तरह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी गोवा विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक गोरखपुर से 44-वर्षीय सांसद योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भी लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया. उन्होंने वर्तमान लोकसभा में 284 प्रश्न पूछे हैं, 56 चर्चाओं में हिस्सा लिया है और तीन निजी सदस्य विधेयक पेश किए हैं. योगी ने हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, लेकिन लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र अभी नहीं दिया है. आदित्यनाथ की ओर से लाए गए विधेयकों में से एक गोरखपुर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ स्थापित करने संबंधी थी. 1998 में 26 वर्ष की आयु में राजनीति में आए आदित्यनाथ गोरखपुर सीट पांच बार जीत चुके हैं.
दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने कार्यकाल में कोई निजी विधेयक पेश नहीं किया. 75-वर्षीय नेता ने महज 18 सवाल पूछे और चार चर्चाओं में भाग लिया.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से भाजपा सांसद हैं. उनकी उपस्थिति 82 प्रतिशत रही है. हालांकि उन्होंने कोई निजी विधयेक पेश नहीं किया, लेकिन उन्होंने 158 सवाल पूछे और 122 चर्चाओं में हिस्सा लिया.
आदित्यनाथ और मौर्य अब लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देंगे. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मौजूदा पदों पर बने रहने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य निर्वाचित होना होगा. इसी तरह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी गोवा विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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