प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
हिन्दी में अकविता आंदोलन के प्रवर्तक जगदीश चतुर्वेदी का निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अल्जाइमर से पीड़ित जगदीश चतुर्वेदी का राजधानी में निधन हो गया। उनके परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उनका कल शाम अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें मुखाग्नि उनके बेटे युगांक ने दी। ‘अकविता’ आंदोलन के प्रवर्तक को अंतिम विदाई देने वालों में साहित्य और कला जगत की कई हस्तियां मौजूद थीं।
सूत्रों ने बताया कि चतुर्वेदी का जन्म 1933 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उन्हें हिन्दी साहित्य में कविता, कहानी, नाटक और समीक्षा लेखक के तौर पर जाना जाता है। उनकी प्रमुख कृतियों में कनाट प्लेस, सूर्यपुत्र, पूर्वराग, इतिहासहंता, नए मसीहा का जन्म, अंधेरे का आदमी, अंतराल के दो छोर, कपास के फूल और पीली दोपहर शामिल हैं।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अल्जाइमर से पीड़ित जगदीश चतुर्वेदी का राजधानी में निधन हो गया। उनके परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उनका कल शाम अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें मुखाग्नि उनके बेटे युगांक ने दी। ‘अकविता’ आंदोलन के प्रवर्तक को अंतिम विदाई देने वालों में साहित्य और कला जगत की कई हस्तियां मौजूद थीं।
सूत्रों ने बताया कि चतुर्वेदी का जन्म 1933 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उन्हें हिन्दी साहित्य में कविता, कहानी, नाटक और समीक्षा लेखक के तौर पर जाना जाता है। उनकी प्रमुख कृतियों में कनाट प्लेस, सूर्यपुत्र, पूर्वराग, इतिहासहंता, नए मसीहा का जन्म, अंधेरे का आदमी, अंतराल के दो छोर, कपास के फूल और पीली दोपहर शामिल हैं।
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