विज्ञापन
This Article is From Aug 13, 2016

छत्तीसगढ़ में सामाजिक बुराई से लड़ रही महिला कमांडो, अब बनेंगी विशेष पुलिस अधिकारी

छत्तीसगढ़ में सामाजिक बुराई से लड़ रही महिला कमांडो, अब बनेंगी विशेष पुलिस अधिकारी
प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बलोद जिले में महिला कमांडो अब विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शराब और अन्य सामाजिक बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंकने का प्रयास करेंगी. गौरतलब है कि 2006 में सामाजिक कार्यकर्ता शमशाद बेगम ने अपने गृहग्राम गुंडरदेही में स्व-सहायता समूह ‘महिला कमांडो’ का गठन किया था. इस समूह ने क्षेत्र में शराब और अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का बीड़ा उठाया और आज इसमें लगभग आठ हजार महिलाएं साथ मिलकर क्षेत्र में शराब माफियाओं से लोहा ले रही हैं.

52 साल की बेग़म को 2012 में भारत सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, पिछड़े वर्ग की उन्नति और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री सम्मान से नवाज़ा था. बेगम कहती हैं कि महिला कमांडो में शामिल महिलाओं ने शराब की बुराईयों के कारण बहुत कुछ झेला है. अब वह चाहती हैं कि आने वाली पीढ़ी इस बुराई से दूर रहे और यही वजह है कि यहां शराब बंदी का प्रयास हो रहा है. इसके लिए वह सभी कठिनाइयां झेल रही हैं.

विपरीत परिस्थितियों का सामना
बेग़म के मुताबिक 'रोज शाम लगभग 40 महिलाओं का समूह लाठी और टॉर्च लेकर शराब माफियाओं के खिलाफ गश्त पर निकलता है. इस दौरान महिलाएं शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करती हैं और शराब पीने वालों को इसकी बुराईयों से अवगत कराती हैं. हालांकि, कई बार उन्हें गांव के सरपंच और पुलिस का सहारा लेना पड़ता है. उन्होंने कहा ‘कई बार पहरा देने के दौरान महिलाओं को विपरित परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है. महिलाएं कानून अपने हाथ में नहीं लेतीं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस की सहायता ली जाती है.’

शमशाद बेगम ने साफ किया कि ‘ऐसा नहीं कि महिला कमांडो क्षेत्र में केवल अवैध शराब के खिलाफ लड़ रही हैं. महिलाएं दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों से भी लड़ रही हैं तथा गांव में सरकार की विभिन्न योजनाओं को लेकर लोगों को जागरूक भी कर रही हैं.’उधर बलोद जिले के पुलिस अधीक्षक शेख आरिफ हुसैन कहते हैं ‘महिला कमांडो की काम करने की लगन को देखते हुए और इससे उत्साहित होकर जिले में ‘मिशन पूर्ण शक्ति’ के नाम से एक परियोजना शुरू की गयी है. इस परियोजना के तहत पांच विकासखंड की लगभग 12 सौ महिला कमांडो को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को ‘रेडी टू रियक्ट’ नाम दिया गया था. प्रशिक्षण की मदद से महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में आत्मरक्षा कर सकेंगी.’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में जिले में 10 हजार महिला कमांडो को एसपीओ के रूप में चयन करने के लिए राज्य शासन को 40 लाख रूपए का प्रस्ताव भेजा गया है. हुसैन ने कहा महिला कमांडो के कारण जिले में कुछ हद तक शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लगा है साथ ही अन्य अपराधों में भी कमी आई है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
हरियाणा विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन से पहले ही नेताओं के बगावती हुए तेवर, भारती ने दिया बड़ा बयान
छत्तीसगढ़ में सामाजिक बुराई से लड़ रही महिला कमांडो, अब बनेंगी विशेष पुलिस अधिकारी
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Next Article
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com