बिना सबूत के इराक में लापता भारतीयों को मृत घोषित करने का पाप नहीं करूंगी : सुषमा स्वराज

मोसूल में लापता 39 भारतीयों की तलाश जारी रहेगी, सरकार ठोस सबूत मिलने पर उनके परिजनों को जानकारी देगी

बिना सबूत के इराक में लापता भारतीयों को मृत घोषित करने का पाप नहीं करूंगी : सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि मोसूल में लापता भारतीयों की तलाश जारी रखी जाएगी.

खास बातें

  • विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा में दिया बयान
  • इराक सरकार ने कहा -2016 के बाद से इन लोगों के बारे में जानकारी नहीं
  • लापता लोगों को आईएसआईएस ने मार दिया, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिली
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि इराक के मोसूल में लापता 39 भारतीयों की तलाश जारी रखी जाएगी. इस बारे में ठोस जानकारी मिलने पर सरकार लापता लोगों के परिजनों को जानकारी देगी. उन्होंने कहा है कि बिना सबूतों के इन भारतीयों को मृत घोषित नहीं किया जा सकता. यह एक पाप है और वे ऐसा पाप नहीं करेंगी.

सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा में दिए अपने बयान में कहा, ‘‘ सरकार इन भारतीय की तलाश जारी रखेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बिना सबूत इन लोगों को मृत घोषित करना पाप है और इस पाप की भागी मैं नहीं बनूंगी.’’ इस मामले को लेकर देश को गुमराह करने के विपक्ष के आरोपों के संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कभी नहीं कहा कि वे जिंदा हैं और न ही मैंने ये कहा कि वे मारे गए हैं . इराक के विदेश मंत्री पिछले दिनों भारत आए थे और उन्होंने यह भरोसा दिया है कि अब वह जो भी जानकारी देगा , सबूत के साथ ही देगा.’’ सुषमा स्वराज ने कहा कि वह पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही इन भारतीयों के परिजनों को जानकारी देंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि वह इस मसले को लेकर इन परिवारों से 12 बार मुलाकात कर चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि इराक के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि ये भारतीय इराक के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए मजदूर के रूप में इराक गए थे और इसलिए उनका पता लगाना उनकी सरकार भी अपना फर्ज समझती है. उन्होंने कहा कि इराक की सरकार का कहना है कि 2016 के बाद से उन्हें इन लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और जिस जेल में इनके बंद होने की बातें कही जा रही हैं , उसके बारे में भारत सरकार ने इराक से कहा है कि वह जेल के नष्ट होने से पूर्व वहां से निकलने वाले जेल के वार्डन से पूछताछ कर कैदियों के नामों की सूची में भारतीय कैदियों के वहां कभी मौजूद रहने के बारे में जानकारी हासिल करें.

सुषमा स्वराज ने कहा कि इन लोगों के बारे में अभी तक ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है कि इन्हें आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने मार दिया है या ये अभी जिंदा हैं. इसलिए अभी सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. उन्होंने इन खबरों को भी गलत बताया कि उन्होंने इन कैदियों के बदरूस जेल में होने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि जेल की तस्वीर भी केवल यह बताती है कि यह जेल अब ढह चुकी है लेकिन ऐसी किसी सवाल का जवाब इससे नहीं मिलता कि जेल के ध्वस्त होने से पहले कैदियों को कहां भेजा गया, यदि वे मारे गए तो 20 हजार की क्षमता वाली जेल के कैदियों का क्या हुआ? उन्होंने बताया कि मोसूल के आईएसआईएस के कब्जे से मुक्त होने की सूचना मिलते ही विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को वहां भेजा गया ताकि लापता भारतीयों के बारे में कोई जानकारी मिल सके और उसके बाद इराक सरकार से मिली उपरोक्त जानकारी को परिजनों के साथ साझा किया गया.

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सुषमा ने कहा कि इन लोगों को मृत घोषित करना तो बहुत आसान है क्योंकि इससे सारे सवाल अपने आप समाप्त हो जाएंगे लेकिन बिना सबूत के किसी को मृत घोषित करना पाप है. और यह पाप मैं नहीं करूंगी.उन्होंने कहा कि वियतनाम युद्ध में लापता लोगों को वियतनाम आज भी ढूंढ रहा है और अमेरिका आज भी भारत में अपने दूसरे विश्व युद्ध में लापता लोगों को ढूंढने के लिए समय-समय पर अपनी टीमों को भेजता रहता है.

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उन्होंने कहा कि इन लोगों में से कोई भविष्य में जिंदा आकर खड़ा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा. उन्होंने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि जो यह कह रहे हैं कि भारतीय नागरिकों के बारे में मैं सच को छुपा रही हूं तो वे लोग जाकर उनके परिजनों को अरदासा करने के लिए कह दें लेकिन बाद में जिम्मेदारी उनकी होगी.

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विदेश मंत्री ने पुन: इस बात को दोहराया कि सरकार इन लोगों की तलाश का काम जारी रखेगी. उन्होंने विगत के कुछ ऐसे किस्सों का भी उदाहरण दिया जिसमें मृत घोषित किए गए व्यक्ति वर्षों बाद जीवित पाए गए.

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सुषमा ने बताया कि इन्हीं लापता भारतीयों में से एक हरजीत आईएसआईएस के कब्जे से किसी प्रकार छूटकर जब भारत आया तो उसने जानकारी दी थी कि आईएसआईएस ने उसकी आंखों के सामने 39 भारतीयों का कत्ल कर दिया था लेकिन हरजीत के बयान विरोधाभासी हैं. उसके बयान के बाद इराक में भारतीय दूतावास ने इस मामले में पूरी छानबीन की लेकिन भारतीयों के जिंदा होने या मारे जाने के बारे में कोई सबूत नहीं मिला.

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मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अभी वह जवाब पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगेंगे लेकिन विदेश नीति पर नोटिस देंगे और उस समय सब हिसाब किताब बराबर करेंगे.
(इनपुट भाषा से)


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