यह ख़बर 17 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

काश, बीजेपी मुझे भी नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का केक देती : नीतीश कुमार

खास बातें

  • सोमवार को राज्य बीजेपी ने न सिर्फ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का 63वां जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया, बल्कि उन्हें देश का 'भावी प्रधानमंत्री' भी बताया।
पटना:

ऐसा लगता है, जैसे बिहार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य के मुख्यमंत्री और अपनी ही गठबंधन सरकार के मुखिया जनता दल - यूनाइटेड (जदयू) नेता नीतीश कुमार की 'नापसंदगी' की परवाह करना छोड़ दिया है। सोमवार को राज्य बीजेपी ने न सिर्फ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का 63वां जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया, बल्कि उन्हें देश का 'भावी प्रधानमंत्री' भी बताया।

उधर, मोदी के मुखर विरोधी कहे जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने राज्य के पशुपालन मंत्री तथा बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह द्वारा राज्य बीजेपी मुख्यालय में पहली बार आयोजित नरेंद्र मोदी के जन्मदिन समारोह के बारे में बात किए जाने पर कहा, "मैं क्यों आपत्ति करूंगा... मुझे इस बात की खुशी है कि भाजपा ने मोदी का जन्मदिन मनाया, और मैं भी इस अवसर पर उनकी (मोदी की) दीर्घायु की कामना करता हूं, लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि कार्यक्रम के संयोजक और मेरे मंत्रिमंडलीय सहयोगी गिरिराज जी ने मुझे जन्मदिन का केक नहीं खिलाया।"

समारोह में सैकड़ों पार्टी विधायकों, सांसदों तथा कार्यकर्ताओं ने शिरकत की, और इसमें मिठाइयां और केक बांटे गए। जन्मदिन समारोह में गिरिराज सिंह ने एक बड़ा-सा केक भी काटा, और पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह उस शख्स का जन्मदिन मना रहे हैं, जो 'राष्ट्रनिर्माता' है। गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि देश की जनता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहती है।

इस मौके पर राज्य-भर में, विशेष रूप से पटना में, बीजेपी नेताओं ने मोदी की तस्वीर वाले सैकड़ों बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जिनके जरिये गुजरात के मुख्यमंत्री को देश का 'भावी प्रधानमंत्री' बताया गया है।

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गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर नीतीश की नापसंदगी को लेकर कहा कि दोनों नेताओं (नीतीश और मोदी) में कोई फर्क नहीं है, और दोनों ही मुख्यमंत्री 'विकासपुरुष' हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ ही माह पहले नीतीश कुमार ने नाम लिए बिना नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए मांग की थी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को वर्ष 2014 के आम चुनाव से काफी पहले प्रधानमंत्री पद के लिए एक 'धर्मनिरपेक्ष' उम्मीदवार की घोषणा कर देनी चाहिए।