यह ख़बर 01 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रिटेल में एफडीआई के विरोध में हर प्रस्ताव का समर्थन करेगी डीएमके

खास बातें

  • संप्रग के दूसरे सबसे बड़े घटक दल द्रमुक ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी देने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। द्रमुक ने कहा कि अगर संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो वह उसका समर्थन करेगा।
चेन्नई:

संप्रग के दूसरे सबसे बड़े घटक दल द्रमुक ने सोमवार को खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।

द्रमुक ने कहा कि अगर संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो वह उसका समर्थन करेगा।

पार्टी प्रमुख एम करूणानिधि की अध्यक्षता में हुई द्रमुक कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक में पास प्रस्ताव के अनुसार, आर्थिक सुधारों के नाम पर खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी भारत जैसे विकासशील देश में विनाश कर देगी।

लोकसभा में 18 सदस्यों वाले द्रमुक ने कहा कि कुछ राज्य एफडीआई को मंजूरी पर सहमत हैं जबकि कुछ अन्य इसका विरोध कर रहे हैं, इससे केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा।

प्रस्ताव में कहा गया कि यह कार्यकारिणी जोर देकर कहती है कि केन्द्र सरकार खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति के फैसले पर पुनर्विचार करे। एक कदम और आगे बढ़ते हुए करूणानिधि ने कहा कि अगर संसद में विपक्ष की ओर से एफडीआई के खिलाफ कोई प्रस्ताव आता है तो उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी क्योंकि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का जनता पर बुरा असर पड़ेगा।

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यह पूछे जाने पर कि क्या द्रमुक विपक्ष के एफडीआई विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करेगा, करूणानिधि ने कहा, ‘‘हम करेंगे।’’ हालांकि करूणानिधि ने साफ किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन करना जारी रखेगी ताकि ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को कोई लाभ उठाने से दूर रखा जा सके। इस बैठक में करूणानिधि के बेटे एमके अलागिरी और एमके स्टालिन सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।