
सपा में पिछले दिनों चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश में पार्टी में वर्चस्व की जंग हुई.
लखनऊ:
सपा में चाचा-भतीजे के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग होने और चुनाव आयोग द्वारा भतीजे अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला आने के बाद पहली बार बोलते हुए चाचा शिवपाल यादव ने आज कहा कि वह राज्य में अगले होने वाले चुनावों में प्रत्याशी होंगे. आज सुबह NDTV से बातचीत करते हुए शिवपाल यादव ने चुनाव लड़ने के संबंध में पुष्टि करते हुए कहा, ''मैं चुनाव लड़ूंगा.'' इसके अलावा आज पांच कालिदार्स मार्ग पर अखिलेश यादव के ऑफिस में पार्टी प्रत्याशियों की अंतिम सूची तय करने के लिए बैठक भी हुई.
इससे पहले मंगलवार सुबह पिता और पुत्र के बीच सुलह के संकेतों के बीच मुलायम सिंह ने अपने 38 समर्थकों की सूची मुख्यमंत्री को सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक उस वक्त सूची में शिवपाल यादव का नाम नहीं था. उनकी जगह उनके बेटे आदित्य को सूची में जगह दी गई थी. तब यह कयास लगाए जाने लगे थे कि शिवपाल अबकी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन शाम को मुलायम सिंह ने तब्दीली करते हुए उसमें शिवपाल यादव का नाम भी जोड़ दिया. उल्लेखनीय है कि अभी तक शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
दरअसल सोमवार को चुनाव आयोग के अखिलेश खेमे के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मुलायम सिंह ने खामोशी अख्तियार कर रखी थी. उनके अगले कदम पर ही सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. लेकिन उसके बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने 38 प्रत्याशियों की सूची सौंपने के साथ ही स्पष्ट कर दिया कि वह अलग से अपने प्रत्याशियों को मैदान में नहीं उतारेंगे.
इससे पहले मंगलवार सुबह पिता और पुत्र के बीच सुलह के संकेतों के बीच मुलायम सिंह ने अपने 38 समर्थकों की सूची मुख्यमंत्री को सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक उस वक्त सूची में शिवपाल यादव का नाम नहीं था. उनकी जगह उनके बेटे आदित्य को सूची में जगह दी गई थी. तब यह कयास लगाए जाने लगे थे कि शिवपाल अबकी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन शाम को मुलायम सिंह ने तब्दीली करते हुए उसमें शिवपाल यादव का नाम भी जोड़ दिया. उल्लेखनीय है कि अभी तक शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
दरअसल सोमवार को चुनाव आयोग के अखिलेश खेमे के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मुलायम सिंह ने खामोशी अख्तियार कर रखी थी. उनके अगले कदम पर ही सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. लेकिन उसके बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने 38 प्रत्याशियों की सूची सौंपने के साथ ही स्पष्ट कर दिया कि वह अलग से अपने प्रत्याशियों को मैदान में नहीं उतारेंगे.
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