नई दिल्ली:
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आरोप गलत साबित हो गया है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश दौरे और उनके इलाज पर सरकार ने 1,880 करोड़ रुपये खर्च किए, इसलिए मोदी को माफी मांगनी चाहिए। इससे बेपरवाह मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार को सोनिया गांधी के विदेश दौरों के व्यय पर हुए खर्च को बताना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी की टिप्पणी को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का एक प्रयास बताया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जो कुछ कहा गया है, वह बेबुनियाद और असत्य है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी मोदी से माफी मांगने की मांग करेगी, तिवारी ने कहा कि मोदी गोंद लगाकर कुर्सी से चिपके हुए हैं और उनका कद ऐसा नहीं है कि वह माफी मांगें।
कांग्रेस प्रवक्ता ने यह कहते हुए मोदी पर प्रहार किया कि वास्तविक मुद्दा यह है कि उनके राज्य में राजकोष से एक लाख करोड़ रुपये का गबन हुआ है। कांग्रेस सांसदों ने इस गबन से सम्बंधित दस्तावेज केंद्रीय सतर्कता आयोग को दिए हैं।
तिवारी ने कहा, "यदि उनमें हिम्मत है तो वह स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपों की न्यायालय की निगरानी में जांच का आदेश दें।" उन्होंने कहा कि "गुजरात के लोग उन्हें उतना ही विश्वसनीय मानते हैं जितना विकास के उनके दावे को, जो रेत के महल की तरह है।"
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, "अब जबकि सोनिया गांधी के विदेश दौरे और विदेशों में उनके उपचार पर सरकारी खजाने से हुए खर्च की बात गलत साबित हो गई है, मोदी को इसके लिए राष्ट्र और गांधी परिवार से माफी मांगनी चाहिए।"
शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सोनिया के विदेश दौरे और उनके उपचार पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी, उसने मीडिया से बातचीत में ऐसी कोई सूचना मिलने से इंकार किया और मोदी के आंकड़ों को गलत बताया।
शुक्ला ने जोर देकर कहा, "सोनिया के उपचार पर एक भी सरकारी पैसा खर्च नहीं हुआ है। यहां तक कि मोदी ने जिस समाचार पत्र के सम्पादक का हवाला देते हुए यह बात कही थी, वह भी गलत साबित हुई।"
गौरतलब है कि मोदी ने सोमवार को कहा था कि केंद्र सरकार त्योहारों एवं समारोहों के आयोजन पर गुजरात सरकार की ओर से किए जा रहे खर्च पर सवाल कर रही है, लेकिन उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, जबकि उसने स्वयं पिछले तीन साल में सोनिया के विदेश दौरे व विदेशों में उपचार पर 1,880 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कांग्रेस का कहना है कि सोनिया 'रुटीन मेडिकल चेकअप' के लिए एक सितम्बर को विदेश गई थीं और एक सप्ताह बाद लौट आईं। पिछले वर्ष वह एक गोपनीय बीमारी से सम्बंधित सर्जरी के लिए अमेरिका गई थीं।
उधर, मोदी ने कांग्रेस व्यंग्य कसते हुए ट्विटर पर लिखा, "आम सूचना के अधिकार को लाने का श्रेय लेते हैं तो क्यों नहीं सोनिया गांधी के विदेश दौरे के सम्बंध में आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना देते हैं।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए आरोप पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की। जोशी ने पत्रकारों से कहा, "मोदी ने कुछ कहा है। सरकार को इस पर बयान देना चाहिए।"
जोशी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं सोनिया गांधी द्वारा मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के समर्थन में दिल्ली में रैली आयोजित करने की भी खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) प्रमुख के साथ प्रधानमंत्री को विदेशी कम्पनियों की तरफदारी करते देखना वाकई में मजेदार होगा।"
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी की टिप्पणी को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का एक प्रयास बताया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जो कुछ कहा गया है, वह बेबुनियाद और असत्य है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी मोदी से माफी मांगने की मांग करेगी, तिवारी ने कहा कि मोदी गोंद लगाकर कुर्सी से चिपके हुए हैं और उनका कद ऐसा नहीं है कि वह माफी मांगें।
कांग्रेस प्रवक्ता ने यह कहते हुए मोदी पर प्रहार किया कि वास्तविक मुद्दा यह है कि उनके राज्य में राजकोष से एक लाख करोड़ रुपये का गबन हुआ है। कांग्रेस सांसदों ने इस गबन से सम्बंधित दस्तावेज केंद्रीय सतर्कता आयोग को दिए हैं।
तिवारी ने कहा, "यदि उनमें हिम्मत है तो वह स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपों की न्यायालय की निगरानी में जांच का आदेश दें।" उन्होंने कहा कि "गुजरात के लोग उन्हें उतना ही विश्वसनीय मानते हैं जितना विकास के उनके दावे को, जो रेत के महल की तरह है।"
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, "अब जबकि सोनिया गांधी के विदेश दौरे और विदेशों में उनके उपचार पर सरकारी खजाने से हुए खर्च की बात गलत साबित हो गई है, मोदी को इसके लिए राष्ट्र और गांधी परिवार से माफी मांगनी चाहिए।"
शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सोनिया के विदेश दौरे और उनके उपचार पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी, उसने मीडिया से बातचीत में ऐसी कोई सूचना मिलने से इंकार किया और मोदी के आंकड़ों को गलत बताया।
शुक्ला ने जोर देकर कहा, "सोनिया के उपचार पर एक भी सरकारी पैसा खर्च नहीं हुआ है। यहां तक कि मोदी ने जिस समाचार पत्र के सम्पादक का हवाला देते हुए यह बात कही थी, वह भी गलत साबित हुई।"
गौरतलब है कि मोदी ने सोमवार को कहा था कि केंद्र सरकार त्योहारों एवं समारोहों के आयोजन पर गुजरात सरकार की ओर से किए जा रहे खर्च पर सवाल कर रही है, लेकिन उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, जबकि उसने स्वयं पिछले तीन साल में सोनिया के विदेश दौरे व विदेशों में उपचार पर 1,880 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कांग्रेस का कहना है कि सोनिया 'रुटीन मेडिकल चेकअप' के लिए एक सितम्बर को विदेश गई थीं और एक सप्ताह बाद लौट आईं। पिछले वर्ष वह एक गोपनीय बीमारी से सम्बंधित सर्जरी के लिए अमेरिका गई थीं।
उधर, मोदी ने कांग्रेस व्यंग्य कसते हुए ट्विटर पर लिखा, "आम सूचना के अधिकार को लाने का श्रेय लेते हैं तो क्यों नहीं सोनिया गांधी के विदेश दौरे के सम्बंध में आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना देते हैं।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए आरोप पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की। जोशी ने पत्रकारों से कहा, "मोदी ने कुछ कहा है। सरकार को इस पर बयान देना चाहिए।"
जोशी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं सोनिया गांधी द्वारा मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के समर्थन में दिल्ली में रैली आयोजित करने की भी खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) प्रमुख के साथ प्रधानमंत्री को विदेशी कम्पनियों की तरफदारी करते देखना वाकई में मजेदार होगा।"
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