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This Article is From Oct 25, 2019

Haryana के विधानसभा चुनाव नतीजे केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी क्यों हैं? 

दिल्ली की गद्दी पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को हरियाणा के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी.

Haryana के विधानसभा चुनाव नतीजे केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी क्यों हैं? 
आप को (AAP) को हरियाणा के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी.
नई दिल्ली:

दिल्ली की गद्दी पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को हरियाणा के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी. दिल्ली के मुखिया और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने गृह राज्य की 90 में से 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी बुरी तरह हारे. यहां तक कि पार्टी का मत प्रतिशत (Vote Share) नोटा से भी कम रहा. हरियाणा विधानसभा चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी (AAP) को कुल 0.48 प्रतिशत वोट मिले. तो वहीं, नोटा के खाते में 0.52 फीसद वोट गए. हरियाणा में आप का सांगठनिक ढांचा भले ही दिल्ली के उतना मजबूत नहीं हो, लेकिन 46 में से एक भी सीट पर कुछ खास न कर पाने की वजह से पार्टी के तमाम दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं. AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के ही रहने वाले हैं और पार्टी लगातार हरियाणा की सियासत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास करती रही है. लेकिन इन चुनावों में जनता ने जिस तरीके से आप को नकारा वह केजरीवाल के लिए चिंता का सबब है. 

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खासकर, हरियाणा के चुनाव नतीजे ऐसे वक्त में आए हैं, जब अगले कुछ महीनों में ही दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. आम आदमी पार्टी यहां मुख्य विपक्षी दल बीजेपी की चुनौतियों से जूझ रही है. हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली (Delhi) की 1797 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने का ऐलान किया. कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से दिल्ली की अनियमित कॉलोनियों में रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार द्वारा लिये गए इस फैसले को सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. केजरीवाल सरकार ने पहले ही इन कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू करा दिया था. अब केंद्र ने कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है. हालांकि केजरीवाल ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन पार्टी बीजेपी के इस मास्टर स्ट्रोक से कैसे निपटती है, यह देखना दिलचस्प होगा. 

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कुमार विश्वास ने साधा निशाना
हरियाणा में नोटा से भी पीछे रहने के बाद कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'ईमान और आंदोलन बेचकर 200 करोड़ में 2 कांग्रेसी अजगर खरीदे. बेहयाई से बोले कि 'साथियों की पीठ में छूरा घोंपकर हरियाणा चुनाव जीतने के लिए इन गुप्तादानियों के हाथों अपना स्वराज व आत्मा बेची है. पर आख़िर में नोटा तक से नीचे रहे.' कुमार विश्वास ने आगे लिखा, 'कहा था, फिर कह रहा हूं, काल का कूड़ेदान प्रतीक्षा में है.' बता दें कि एक समय कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शामिल थे. बाद में अरविंद केजरीवाल से मतभेद के बाद उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली. 

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