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This Article is From Nov 25, 2015

GST पर साथ चाहिए, इसलिए असहनशीलता पर बहस को तैयार है सरकार

GST पर साथ चाहिए, इसलिए असहनशीलता पर बहस को तैयार है सरकार
फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: संसद के गुरुवार से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र में जहां विपक्ष असहनशीलता के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए तैयार है, वहीं सरकार किसी भी तरह गुड्स एंड सर्विसेज टेक्‍स यानी जीएसटी बिल पास कराना चाहती है। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में असहनशीलता पर बहस चाहता है। कांग्रेस ने लोकसभा में तो जेडीयू और सीपीएम ने राज्यसभा में बहस कर असहनशीलता पर प्रस्ताव पारित करने के लिए नोटिस दिया है

सरकार को मिल रहा जेडीयू, तृणमूल का साथ
सरकार भी असहनशीलता पर बहस को तैयार है। उसे भी आशंका है कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट रहेगा और विपक्ष को अधिक नाराज करना भी ठीक नहीं, क्योंकि सरकार को जीएसटी बिल पास करवाना है।जहां तक जीएसटी बिल की बात है सरकार को जेडीयू और तृणमूल कांग्रेस का साथ मिल रहा है। इन राज्यों को लगता है कि जीएसटी से उनको फायदा होगा।

कांग्रेस ने अब तक नहीं खोले पत्‍ते
मगर कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं राहुल गांधी ने जीएसटी को पास करवाने के लिए ये मांग रख दी हैं।
1. किसी वस्तु पर कितना टैक्स बढेगा इसके लिए संसद के दोतिहाई बहुमत की जरूरत होनी चाहिए।
2. राज्य और केन्द्र के बीच विवाद पर किसकी चलेगी अभी केन्द्र बहुमत में है।
3. कोई वस्तु जितने राज्यों से गुजरेगा तो उन राज्यों को एक फीसदी का हिस्सा मिलेगा, कांग्रेस इसको बदलना चाहती है। इसमें जो उत्पादक राज्य हैं उसको फायदा है और गरीब राज्यों को नुकसान।

इसलिए जारी है जीएसटी पर मोलभाव
सरकार की दिक्कत ये है कि यह संविधान संशोधन विधेयक है जो विपक्ष की मंजूरी के बिना पास नहीं हो सकता। फिर इसे 15 राज्यों से भी मंजूरी लेनी होगी। सरकार चाहती है कि ये सब मार्च से पहले हो जाए ताकि इसे 1 अप्रैल से लागू कराया जा सके। यही वजह है कि जीएसटी पर मोल भाव जारी है।

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