नई दिल्ली:
टीम अन्ना के सदस्यों के दिल्ली में भ्रष्टाचार और लोकतंत्र में भागीदारी पर चर्चा के बीच एक व्यक्ति ने यह पूछकर हल्की सनसनी पैदा कर दी कि अपने गृह प्रदेश में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाने वाले राज ठाकरे के खिलाफ उन्होंने कोई बयान क्यों नहीं दिया।
टीम अन्ना द्वारा आयोजित सेमिनार ‘गणतंत्र का पुनर्गठन’ में लीलाधर भट नामक एक व्यक्ति ने मंच पर बोलने की मांग की और फिर माइक लेकर यह सवाल दागा।
शांति भूषण, प्रशांत भूषण, वंदना शिवा, गोपाल राय और योगेंद्र यादव सहित अन्य कार्यकर्ता सेमिनार के बाद पैनल चर्चा कर रहे थे और वहां मौजूद लोगों से लिखित सवाल मांग रहे थे।
लिख कर दिए गए सवाल पर कोई जवाब नहीं पाकर निराश भट ने नारे लगाना शुरू कर दिया और यादव के बार बार आग्रह के बावजूद बैठने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसे मंच पर बुलाया गया।
उसने अन्ना को संबोधित करते हुए पूछा कि अपने गृह प्रदेश में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाने वाले राज ठाकरे के खिलाफ उन्होंने कोई बयान क्यों नहीं दिया। भट के सवाल पर गोपाल राय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विभाजनकारी सवाल पूछे जाने के लिए उसकी आलोचना की।
टीम अन्ना द्वारा आयोजित सेमिनार ‘गणतंत्र का पुनर्गठन’ में लीलाधर भट नामक एक व्यक्ति ने मंच पर बोलने की मांग की और फिर माइक लेकर यह सवाल दागा।
शांति भूषण, प्रशांत भूषण, वंदना शिवा, गोपाल राय और योगेंद्र यादव सहित अन्य कार्यकर्ता सेमिनार के बाद पैनल चर्चा कर रहे थे और वहां मौजूद लोगों से लिखित सवाल मांग रहे थे।
लिख कर दिए गए सवाल पर कोई जवाब नहीं पाकर निराश भट ने नारे लगाना शुरू कर दिया और यादव के बार बार आग्रह के बावजूद बैठने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसे मंच पर बुलाया गया।
उसने अन्ना को संबोधित करते हुए पूछा कि अपने गृह प्रदेश में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाने वाले राज ठाकरे के खिलाफ उन्होंने कोई बयान क्यों नहीं दिया। भट के सवाल पर गोपाल राय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विभाजनकारी सवाल पूछे जाने के लिए उसकी आलोचना की।
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