कहां गया पीएम मोदी का महंगाई रोकने का फार्मूला : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

कहां गया पीएम मोदी का महंगाई रोकने का फार्मूला : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश में बेतहाशा बढ़ती महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी का महंगाई रोकने का फार्मूला कहां गुम हो गया? बढ़ती महंगाई को अगर अभी नहीं रोका गया तो फिर आगे समस्या बढ़ती ही चली जाएगी।

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने दावा किया था
मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने दावा किया था कि इनके पास महंगाई के निपटने का फार्मूला है, तो अब समय आ गया है कि ये लोग अपने फार्मूले का इस्तेमाल करें।

अखिलेश ने कहा कि महंगाई दिनोंदिन बढ़ रही है। एक बार जो चीज महंगी हो जाती है, फिर उसका दाम कभी कम नहीं होता। केंद्र सरकार को महंगाई पर रोक लगानी चाहिए।

दाल के दाम आसमान छू रहे हैं
उन्होंने कहा कि दाल के दाम आसमान छू रहे हैं और केंद्र ने अभी तक दामों में कमी लाने का कोई प्रयास नहीं किया है। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को झूठे सपने दिखाए। अब जनता उन्हें अगले चुनाव में इसका जवाब भी देगी।

राज्य सरकार अब सालाना 50 हजार रुपये की पेंशन देगी
साहित्यकारों की ओर से पुरस्कार लौटाए जाने के मुद्दे पर पहली बार प्रतिक्रिया देते अखिलेश ने कहा कि राज्य में समाजवादियों की सरकार है और इस शासन में किसी को पुरस्कार लौटाने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने घोषणा की कि यश भारती सम्मान पाने वालों को राज्य सरकार अब सालाना 50 हजार रुपये की पेंशन देगी।

पत्रकारों से मुखातिब मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश से जुड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की पहल करेगी।

खेल के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए
मुंबई में बीसीसीआई दफ्तर पर शिव सैनिकों की ओर से प्रदर्शन किए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। खेल के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। यदि विरोध है तो बैठकर बहस की जा सकती है, लेकिन विरोध का यह तरीका सही नहीं है।

देश में बिगड़ते माहौल पर अखिलेश ने कहा, "यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि सोशल मीडिया को लेकर सतर्क रहें और इस तरह की चीजें सामने न आएं।"

दाल की कीमतों पर नजर रखी जा रही है
यूपी में दाल की कालाबाजारी के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि दाल की कीमतों पर नजर रखी जा रही है। सरकार मंडियों को और विकसित करेगी। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि दाल की कालाबाजारी न होने पाए। ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

कैबिनेट की बैठक में राजस्व संहिता 2015 को मंजूरी दे दी गई है। नई राजस्व संहिता में दलितों के पास सवा तीन एकड़ से कम जमीन होने पर भी शर्तों के साथ उसे बेचने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है।

फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों के लिए वेंडिंग जोन बनाते हुए स्थान उपलब्ध कराने के लिए फेरी नीति, राज्य सरकार बालकों को उनका हक देने के लिए उत्तर प्रदेश बालक अधिकार संरक्षण आयोग नियमावली 2015 को भी मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी गई है।

चीनी के लिए मंडी शुल्क समाधान योजना लाने, वित्त विकास निगम में एनआरआई सेल की स्थापना, सुल्तानपुर के 29 गांवों को अमेठी की मुसाफिरखाना तहसील में शामिल करने, प्रादेशिक को-अपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के प्रस्तावों और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अर्जित जमीन को वितरित करने के लिए नियमों में छूट देने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल मिली है।

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28 सदस्यीय परिषद में उद्यमियों की संख्या करीब 15 रखी जाएगी। इसका संयोजक और उपाध्यक्ष उद्यमी होगा जबकि सदस्य सचिव सरकारी होगा। विशेषज्ञ समूहों के चार प्रतिनिधि भी परिषद में होंगे। परिषद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए विभाग ने 10 वर्ष के लिए पांच करोड़ रुपये का फंड बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है।