अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
हरियाणा पंचायत चुनाव के मामले में राज्य सरकार के नियमों को सही ठहराने के लिए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के साथ-साथ देश के बंटवारे का उदाहरण दिया।
मामला हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए नियम बदलने का
कोर्ट के सवाल उठाने पर कि हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए नियम क्यों बदले गए, राज्य की ओर से पेश एजी वे दलील दी कि देश को आजाद हुए 65 साल बीत चुके हैं। हरियाणा एक प्रोग्रेसिव स्टेट है और कभी न कभी तो शुरुआत करनी ही होगी। रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि गांधी जी देश के बंटवारे के खिलाफ थे। नेहरू ने उन्हें समझाया कि बंटवारे के बिना देश को आजाद नहीं कराया जा सकता। हम पहले ही 60 साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। ऐसे में आगे आजादी देख पाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इसके बाद महात्मा गांधी बंटवारे को राजी हुए और देश आजाद हुआ। एजी ने कहा कि और इसके बाद एक नई शुरुआत हुई। इसी तरह हरियाणा ने भी पंचायत चुनाव के लिए एक नई शुरुआत की है।
मामला हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए नियम बदलने का
कोर्ट के सवाल उठाने पर कि हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए नियम क्यों बदले गए, राज्य की ओर से पेश एजी वे दलील दी कि देश को आजाद हुए 65 साल बीत चुके हैं। हरियाणा एक प्रोग्रेसिव स्टेट है और कभी न कभी तो शुरुआत करनी ही होगी। रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि गांधी जी देश के बंटवारे के खिलाफ थे। नेहरू ने उन्हें समझाया कि बंटवारे के बिना देश को आजाद नहीं कराया जा सकता। हम पहले ही 60 साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। ऐसे में आगे आजादी देख पाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इसके बाद महात्मा गांधी बंटवारे को राजी हुए और देश आजाद हुआ। एजी ने कहा कि और इसके बाद एक नई शुरुआत हुई। इसी तरह हरियाणा ने भी पंचायत चुनाव के लिए एक नई शुरुआत की है।
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