नारद स्टिंग केस में नहीं हुई सुनवाई, क्या है ये रिश्वत कांड? क्यों हुई ममता के मंत्रियों की गिरफ्तारी?

Narada Sting case: नारद स्टिंग केस में नामित सात तृणमूल सांसदों में से छह लोकसभा से और मुकुल रॉय राज्यसभा से थे. मुकुल रॉय अब बीजेपी के साथ हैं और अभी-अभी विधायक चुने गए हैं. उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्टिंग टेप में वह असल में कैश लेते नहीं दिख रहे थे.

नारद स्टिंग केस में नहीं हुई सुनवाई, क्या है ये रिश्वत कांड? क्यों हुई ममता के मंत्रियों की गिरफ्तारी?

नारद स्टिंग केस में नामित सात तृणमूल सांसदों में से छह लोकसभा से और मुकुल रॉय राज्यसभा से थे.

नई दिल्ली:

Narada Sting case:​ पश्चिम बंगाल (West Bengal) में नारद स्टिंग मामले में एक बार फिर से राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. इसबीच, कलकत्ता हाईकोर्ट की बेंच नारद स्टिंग मामले की सुनवाई आज नहीं करेगी क्योंकि बेंच आज नहीं बैठेगी.. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) के दो मंत्रियों फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी को नारद स्टिंग ऑपरेशन (Narada Sting Operation) से जुड़े मामले में सोमवार, 17 मई को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया था. इन दोनों के अलावा सीबीआई ने वरिष्ठ विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को भी गिरफ्तार किया है. अपने मंत्रियों, विधायकों की गिरफ्तारी के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर पहुंच गईं थी और उन्होंने खुद को भी गिरफ्तार करने की चुनौती दे डाली थी. ममता करीब 45 मिनट तक सीबीआई दफ्तर पर डटी रहीं थीं.

सीबीआई ने हाल ही में राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ से नारदा मामले में मंत्री फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा समेत पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के खिलाफ जांच की इजाजत मांगी थी. गवर्नर ने चुनाव बाद उसे हरी झंडी दे दी थी. इसके बाद सीबीआई ने ये कार्रवाई की.

'मुझे भी अरेस्ट करें' : दो मंत्रियों की गिरफ्तारी पर CBI दफ्तर में बिफरीं CM ममता बनर्जी

क्या है नारद स्टिंग केस?
यह मामला 2016 का है. 2016 के पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव से ठीक पहले नारद न्यूज पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी कर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी थी. स्टिंग में सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के 7 सांसदों, 3 मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के बदले में मोटी रकम देते नजर आ रहे थे.

इस स्टिंग को ममता बनर्जी ने साजिश करार दिया था, जबकि विपक्षियों को ममता के खिलाफ एक बड़ा हथियार मिल गया था. साल 2017 में कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे.

बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने नारदा घोटाले में TMC नेताओं पर केस चलाने को मंजूरी दी

स्टिंग में TMC के कौन-कौन नेता?
नारद टीवी के स्टिंग में नजर आने वाले नेताओं में तत्कालीन टीएमसी नेता मुकुल रॉय (अब बीजेपी में), शुभेंदु अधिकारी (अब बीजेपी में) सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, प्रसून बनर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मित्रा, काकोली घोष दास्तीकार, इकबाल अहमद और फरहाद हकीम शामिल थे. इनके अलावा एक सीनियर पुलिस अफसर एम एच अहमद मिर्जा को भी स्टिंग में रिश्वत लेते दिखाया गया था. 

फॉरेंसिक जांच में स्टिंग का वीडियो सही पाया गया था. इससे नारद टीवी के सीईओ मैथ्यू को हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी. तब बताया गया था कि टेप 2014 में रिकॉर्ड किया गया था.

नारद स्टिंग केस में नामित सात तृणमूल सांसदों में से छह लोकसभा से और मुकुल रॉय राज्यसभा से थे. मुकुल रॉय अब बीजेपी के साथ हैं और अभी-अभी विधायक चुने गए हैं. उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्टिंग टेप में वह असल में कैश लेते नहीं दिख रहे थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

एक अन्य आरोपी सांसद सुल्तान अहमद का निधन हो चुका है. सीबीआई ने काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी और अपरूपा पोद्दार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने मंजूरी नहीं दी है.