कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन ने आज प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी का दौरा किया, और दो दिन पहले यूनिवर्सिटी कैम्पस में उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ और मारपीच की घटना पर छात्रों से माफी मांगी।
एमके नाराणन ने कहा, "मैं पूरे राज्य के कॉलेजों और उनके विद्यार्थियों से माफी चाहता हूं, कि मैं राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में नाकाम रहा। यह अभूतपूर्व वारदात फिर कभी नहीं होनी चाहिए, और यह हमारे उज्ज्वल भविष्य के सपनों पर गहरा आघात है। आप लोग (विश्वविद्यालय के विद्यार्थी) बेहतरीन हैं, और यह घटना आपको सितारों तक पहुंचने से रोकने की कोशिश थी।"
इससे पहले, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार इस बात का खंडन कर रही है कि कोलकाता की प्रतिष्ठित प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में बुधवार को तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले उपद्रवी उनके कार्यकर्ता नहीं थे, लेकिन हिंसा के समय की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें तृणमूल कांग्रेस के पार्षद पार्थ बसु समेत कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता कॉलेज पर हमले के वक्त उसके गेट पर उपद्रवियों की भीड़ के साथ नजर आ रहे हैं।
बताया जाता है कि ये लोग उस विरोध जुलूस में भाग ले रहे थे, जो उस समय प्रेसिडेंसी कॉलेज के पास से गुजर रहा था, जिस समय तृणमूल की झंडियां उठाए लोग जबरदस्ती इस संस्थान में घुसे। तस्वीर में तृणमूल पार्षद पार्थ बसु और तृणमूल के कुछ अन्य नेता लोगों से घिरे दिख रहे हैं। इनमें से कुछ के हाथ में तृणमूल के झंडे हैं और वे विश्वविद्यालय के गेट पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि पार्थ बसु ने कहा है कि वह विश्वविद्यालय में नहीं घुसे थे और सिर्फ गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा, अगर अंदर के फुटेज में मैं कहीं भी दिख जाता हूं, तो मैं त्यागपत्र दे दूंगा।
इस बीच, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में हमले को लेकर गुरुवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और कहा था कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हो, उस पर आपराधिक केस चलाना चाहिए।
इस बीच, सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की शिकायत की है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी और उनके वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ दिल्ली में बदसलूकी को साजिश के तहत किया गया हमला करार दिया था और कहा था कि इसके लिए सीपीएम पोलित ब्यूरो को माफी मांगनी चाहिए।
करात ने राष्ट्रपति को लिखा है कि बंगाल के राज्यपाल का बयान अनुचित है, उनकी टिप्पणी राज्यपाल पद की गरिमा के खिलाफ है और नारायणन राजभवन में बैठे कैसे यह तय कर सकते हैं कि हमला पूर्वनियोजित था।
एमके नाराणन ने कहा, "मैं पूरे राज्य के कॉलेजों और उनके विद्यार्थियों से माफी चाहता हूं, कि मैं राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में नाकाम रहा। यह अभूतपूर्व वारदात फिर कभी नहीं होनी चाहिए, और यह हमारे उज्ज्वल भविष्य के सपनों पर गहरा आघात है। आप लोग (विश्वविद्यालय के विद्यार्थी) बेहतरीन हैं, और यह घटना आपको सितारों तक पहुंचने से रोकने की कोशिश थी।"
इससे पहले, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार इस बात का खंडन कर रही है कि कोलकाता की प्रतिष्ठित प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में बुधवार को तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले उपद्रवी उनके कार्यकर्ता नहीं थे, लेकिन हिंसा के समय की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें तृणमूल कांग्रेस के पार्षद पार्थ बसु समेत कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता कॉलेज पर हमले के वक्त उसके गेट पर उपद्रवियों की भीड़ के साथ नजर आ रहे हैं।
बताया जाता है कि ये लोग उस विरोध जुलूस में भाग ले रहे थे, जो उस समय प्रेसिडेंसी कॉलेज के पास से गुजर रहा था, जिस समय तृणमूल की झंडियां उठाए लोग जबरदस्ती इस संस्थान में घुसे। तस्वीर में तृणमूल पार्षद पार्थ बसु और तृणमूल के कुछ अन्य नेता लोगों से घिरे दिख रहे हैं। इनमें से कुछ के हाथ में तृणमूल के झंडे हैं और वे विश्वविद्यालय के गेट पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि पार्थ बसु ने कहा है कि वह विश्वविद्यालय में नहीं घुसे थे और सिर्फ गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा, अगर अंदर के फुटेज में मैं कहीं भी दिख जाता हूं, तो मैं त्यागपत्र दे दूंगा।
इस बीच, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में हमले को लेकर गुरुवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और कहा था कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हो, उस पर आपराधिक केस चलाना चाहिए।
इस बीच, सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की शिकायत की है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी और उनके वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ दिल्ली में बदसलूकी को साजिश के तहत किया गया हमला करार दिया था और कहा था कि इसके लिए सीपीएम पोलित ब्यूरो को माफी मांगनी चाहिए।
करात ने राष्ट्रपति को लिखा है कि बंगाल के राज्यपाल का बयान अनुचित है, उनकी टिप्पणी राज्यपाल पद की गरिमा के खिलाफ है और नारायणन राजभवन में बैठे कैसे यह तय कर सकते हैं कि हमला पूर्वनियोजित था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
प्रेसिडिंसी यूनिवर्सिटी, बंगाल हिंसा, तृणमूल कांग्रेस, एसएफआई, पश्चिम बंगाल राज्यपाल, Presidency University, Trinamool Congress, Bengal Violence