कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए छह जिलों में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। इस दौरान वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस गठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखा गया। उत्तरी बंगाल के छह जिलों में पहले चरण के लिए 18 अप्रैल को मतदान होगा। 54 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव में वाम मोर्चा सरकार के 10 मंत्रियों समेत 364 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद होगा। पहले चरण में दार्जिलिंग पहाड़ी की तीन विधानसभाओं में भी चुनाव होगा जिसके लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, जीएनएलएफ और अखिल भारतीय गोरखा लीग ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। कांग्रेस सोनिया गांधी और वरिष्ठ पार्टी नेता प्रणव मुखर्जी ने भी शुक्रवार को उत्तर बंगाल में चुनाव प्रचार में भाग लिया। सोनिया ने जहां बंगाल के विकास में पिछड़ने के लिए वाम मोर्चा सरकार को जिम्मेदार ठहराया वहीं वादा किया कि कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन के आने पर राज्य आगे बढ़ेगा। पहले चरण में उत्तरी बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर, द. दिनाजपुर और मालदा की 54 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने गुरुवार को सभाओं को संबोधित किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी गुरुवार को जलपाईगुड़ी में एक जनसभा को संबोधित किया। इसके अलावा भाजपा नेता नरेंद्र मोदी तथा अरुण जेटली ने भी सभाओं में शिरकत की। तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी उत्तरी बंगाल की जनता को संबोधित करते हुए वाम मोर्चा सरकार को आड़े हाथों लिया।
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