नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा मार्च में एक अंग्रेजी पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू को देखकर पता चलता है कि उन्हें इस बात की भनक थी कि जनवरी के मध्य में सेना की दो इकाइयों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के अभ्यास को लेकर खबरें पक रही थीं।
जनरल सिंह ने 13 मार्च को 'द वीक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा था, 'मान लीजिए, हमारी एक कोर या डिवीजन या ब्रिगेड अभ्यास कर रही है तो कोई कहेगा कि ओह, उन्होंने अभ्यास किया। यह अभ्यास नहीं था, वे कुछ और करना चाहते थे।' उन्होंने कहा, 'अब आप इससे एक खबर बनाएंगे। इन दिनों कई लोग अपने खराब मकसद से खबरें बनाना चाहते हैं।'
सेना प्रमुख ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि आज एक पत्रकार के लिए खराब खबर ही अच्छी खबर है वहीं अच्छी खबर का महत्व ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई संदेह है तो उसे आना चाहिए और हमारा सामना करना चाहिए। वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि वे गलत हैं।
उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।'
पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया।
जनरल सिंह ने 13 मार्च को 'द वीक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा था, 'मान लीजिए, हमारी एक कोर या डिवीजन या ब्रिगेड अभ्यास कर रही है तो कोई कहेगा कि ओह, उन्होंने अभ्यास किया। यह अभ्यास नहीं था, वे कुछ और करना चाहते थे।' उन्होंने कहा, 'अब आप इससे एक खबर बनाएंगे। इन दिनों कई लोग अपने खराब मकसद से खबरें बनाना चाहते हैं।'
सेना प्रमुख ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि आज एक पत्रकार के लिए खराब खबर ही अच्छी खबर है वहीं अच्छी खबर का महत्व ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई संदेह है तो उसे आना चाहिए और हमारा सामना करना चाहिए। वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि वे गलत हैं।
उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।'
पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया।
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