मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
बेंगुलुरु:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को नियंत्रण रेखा पर 'शांति' का स्वागत किया और कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ दोस्ती का रिश्ता चाहता है. उन्होंने हालांकि कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि भारत किसी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार नहीं है.
पिछले साल नवंबर में कमर बाजवा के पाकिस्तानी सेना प्रमुख बनने के बाद सीमा पर संघर्ष विराम के मामलों में कमी आने के संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वो इस बात की प्रशंसा करते हैं कि नए पाकिस्तानी जनरल अपनी सेना को पड़ोसी की चिंताओं के बारे में समझाने में कामयाब रहे. नियंत्रण रेखा पर अक्सर दोनों पक्षांे की तरफ से तेज फायरिंग होती रहती है.
उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान और चीन के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं. ऐसा कोई कारण नहीं होना चाहिए कि हमें लड़ते रहना चाहिए या एक दूसरे को संदेह की नजरों से देखें. जहां तक मेरा सवाल है मैं किसी भी कार्रवाई को संदेह से नहीं देखता. अगर उन्होंने शांति बरकरार रखी है तो मैं इसका स्वागत करता हूं." रक्षामंत्री ने कहा, "लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मैं तैयार नहीं रहूंगा. मेरी तैयारी एक स्वतंत्र चीज है जो आक्रामक नहीं है. ये मेरी रक्षा के लिए है."
'अमेरिका फर्स्ट' की चिंता नहीं
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि यह उनकी चिंता का विषय नहीं है कि बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां अपने आप को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' तैसे नारों के बीच फंसा हुआ पा सकती हैं.
पर्रिकर ने यहां के येलहंका वायुसैनिक अड्डे पर पांच दिवसीय एयर इंडिया शो के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से कहा कि ये कंपनियां विश्व के किसी भी संयंत्र से सैन्य अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकती हैं. उन्होंने कहा, "ये कंपनिया सभी मायनों में बहुराष्ट्रीय हैं. उनका यूरोप में संयंत्र हो सकता है. उनका विश्व के किसी भी हिस्से में संयंत्र हो सकता है. उनका अमेरिका में संयंत्र हो सकता है वे इन क्षेत्रों में से कहीं से भी उद्धृत की जा सकती हैं, इसलिए यह मेरी चिंता का विषय नहीं है और मैं इसकी ज्यादा चिंता भी नहीं करता क्योंकि व्याख्याओं को गलत तरह से लिया जाता है."
उन्होंने कहा, "पहले चीजों को और स्पष्ट हो जाने दो. लेकिन मूलरूप से मेरी आवश्यकता यह है कि सरकार को उससे सहमत होना चाहिए, चाहे कोई भी सरकार इससे सहमत हो."
पिछले साल नवंबर में कमर बाजवा के पाकिस्तानी सेना प्रमुख बनने के बाद सीमा पर संघर्ष विराम के मामलों में कमी आने के संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वो इस बात की प्रशंसा करते हैं कि नए पाकिस्तानी जनरल अपनी सेना को पड़ोसी की चिंताओं के बारे में समझाने में कामयाब रहे. नियंत्रण रेखा पर अक्सर दोनों पक्षांे की तरफ से तेज फायरिंग होती रहती है.
उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान और चीन के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं. ऐसा कोई कारण नहीं होना चाहिए कि हमें लड़ते रहना चाहिए या एक दूसरे को संदेह की नजरों से देखें. जहां तक मेरा सवाल है मैं किसी भी कार्रवाई को संदेह से नहीं देखता. अगर उन्होंने शांति बरकरार रखी है तो मैं इसका स्वागत करता हूं." रक्षामंत्री ने कहा, "लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मैं तैयार नहीं रहूंगा. मेरी तैयारी एक स्वतंत्र चीज है जो आक्रामक नहीं है. ये मेरी रक्षा के लिए है."
'अमेरिका फर्स्ट' की चिंता नहीं
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि यह उनकी चिंता का विषय नहीं है कि बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां अपने आप को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' तैसे नारों के बीच फंसा हुआ पा सकती हैं.
पर्रिकर ने यहां के येलहंका वायुसैनिक अड्डे पर पांच दिवसीय एयर इंडिया शो के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से कहा कि ये कंपनियां विश्व के किसी भी संयंत्र से सैन्य अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकती हैं. उन्होंने कहा, "ये कंपनिया सभी मायनों में बहुराष्ट्रीय हैं. उनका यूरोप में संयंत्र हो सकता है. उनका विश्व के किसी भी हिस्से में संयंत्र हो सकता है. उनका अमेरिका में संयंत्र हो सकता है वे इन क्षेत्रों में से कहीं से भी उद्धृत की जा सकती हैं, इसलिए यह मेरी चिंता का विषय नहीं है और मैं इसकी ज्यादा चिंता भी नहीं करता क्योंकि व्याख्याओं को गलत तरह से लिया जाता है."
उन्होंने कहा, "पहले चीजों को और स्पष्ट हो जाने दो. लेकिन मूलरूप से मेरी आवश्यकता यह है कि सरकार को उससे सहमत होना चाहिए, चाहे कोई भी सरकार इससे सहमत हो."
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