आप सरहद पर तैनात हैं, तभी जनता चैन से सो पाती है : पीएम मोदी ने जवानों के साथ मनाई दीवाली

आप सरहद पर तैनात हैं, तभी जनता चैन से सो पाती है : पीएम मोदी ने जवानों के साथ मनाई दीवाली

जवानों के साथ दीपावली मनाते पीएम नरेंद्र मोदी...

खास बातें

  • 2001 के गुजरात भूकंप के बाद भूकंप पीड़ितों के साथ मनाई दीवाली
  • जब आप (सेना) जागते हैं तो वे (जनता) सोते हैं
  • चांगू गांव में भी लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं देने पहुंचे
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी अपनी दीवाली देश की सेना और सुरक्षा बलों के जवानों के नाम की. प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के सरहदी इलाके सुमदो में पहुंचे और सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ दीपावली मनाई. प्रधानमंत्री ने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी ही वजह से लोग अपने घरों में सुरक्षित दीवाली मना रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कोई अपने प्रियजनों के साथ दीवाली मनाना चाहता है और इसलिए वह सुमदो आए. उन्होंने कहा कि 2001 के गुजरात भूकंप के बाद उन्होंने भूकंप पीड़ितों के साथ दीवाली मनाई थी. उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि यह सब मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद कर रहा हूं.'

विभिन्न सेवाओं के जवानों की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे लोग करियर पर ध्यान देते हैं तो वे (जवान) शत्रु का सामना करने के अवसर देखते हैं. उन्होंने कहा, 'जब आप (जवान) जागते हैं तो वे (जनता) सोते हैं. अगर आप नहीं जागेंगे तो लोग (शांतिपूर्वक) सो नहीं सकेंगे.'

सेना के जवानों के बाद प्रधानमंत्री हिमाचल के ही सरहदी चांगू गांव में लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं देने पहुंच गए. प्रधानमंत्री को अपने बीच देख इस दूर-दराज़ के लोग हैरान रह गए.

सरहद से लगे किसी इलाके में जहां डीएम और तहसीलदार तो दूर, पटवारी तक साल भर में शायद ही आता हो, वहां अगर अचानक प्रधानमंत्री पहुंचे तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इस सर्द इलाके के लोगों ने पीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस दौरान वहां मौजूद छोटे बच्चों को प्रधानमंत्री ने टॉफ़िया बांटी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन के लिए 5,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इस मुद्दे पर उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से किए गए उस वादे को पूरा कर दिया है, जो बीते 40 बरसों से लटका पड़ा था. उन्होंने पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच जवानों के साहस और बलिदान की प्रशंसा भी की.

गौरतलब है कि सुमदो हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 370 किलोमीटर से अधिक दूर है.


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