हमें दबे-कुचलों के लिए अवश्य लड़ना चाहिए : मीरा कुमार

मीरा कुमार ने कहा, "हमारा देश इस समय चौराहे पर खड़ा है. जरा भी सहिष्णुता नहीं बची है और चारों ओर भय का माहौल है.''

हमें दबे-कुचलों के लिए अवश्य लड़ना चाहिए : मीरा कुमार

विपक्ष की राष्‍ट्रपति पद की उम्‍मीदवार मीरा कुमार (फाइल फोटो)

तिरुवनंतपुरम:

विपक्ष की संयुक्त राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव विचारधारा की लड़ाई है और 'हमें देश में सर्वाधिक वंचित तबके के लिए अवश्य लड़ना चाहिए.' 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में प्रचार करने केरल पहुंचीं लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, "हमारा देश इस समय चौराहे पर खड़ा है. जरा भी सहिष्णुता नहीं बची है और चारों ओर भय का माहौल है. हमें सबसे अधिक दबे-कुचले, सर्वाधिक वंचित और सर्वाधिक अपमानित किए गए समुदाय के लिए अवश्य लड़ना चाहिए."

72 वर्षीय मीरा कुमार पूर्व उप-प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं. वह केरल में पारंपरिक विपक्षी मोर्चे के विधायकों को संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन और उमेन चांडी तथा नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला मौजूद थे.

रविवार को ही बाद में विजयन और चेन्निथला ने अलग-अलग मीरा कुमार से निजी मुलाकात की. मीरा कुमार के खिलाफ केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने रामनाथ कोविंद को अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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