प्रतीकात्मक फोटो
अहमदाबाद:
गुजरात में पेयजल की जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य सरकार एक वैकल्पिक स्रोत की तलाश कर रही है. ऐसे में, उसके महत्वकांक्षी कल्पसर परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को वर्ष के अंत तक आकार दिए जाने की उम्मीद है. राज्य इन गर्मियों में जल संकट का सामना कर सकता है क्योंकि नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध पर राज्य की काफी अधिक निर्भरता है. कल्पसर को राज्य की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरदार सरोवर बांध के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, कल्पसर परियोजना के तहत खामभाट की घाटी में एक बांध बनाकर समंदर में गिर रही सात नदियों के पानी का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है. जल प्रबंधन पर गुजरात के मुख्यमंत्री के सलाहकार बी एन नवलवाला ने बताया कि कल्पसर अनूठी और अपनी तरह की पहली परियोजना है. परियोजना को शुरू करने से पहले विभिन्न अध्ययनों को पूरा करना जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी अध्ययनों को जल्द पूरा कर लिया जाएगा और इस साल के अंत तक हम कल्पसर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में सक्षम होंगे. कल्पसर परिेयोजना का विचार 1980 के दशक में जल विशेषज्ञों ने पेश किया था और परियोजना के औचत्य, पर्यावरण एवं आर्थिक प्रभाव तथा अन्य पहलुओं को देखने के लिए अबतक 43 अध्ययन किए जा चुके हैं.
VIDEO: प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध देश को समर्पित किया
नवलवाला ने कहा कि हम समुद्र में दुनिया का एक सबसे बड़ा जलाशय बना रहे हैं और परियोजना के लिए विभिन्न अध्ययनों में लगा वक्त पूरी तरह से उपयुक्त है.
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नवलवाला ने कहा कि हम समुद्र में दुनिया का एक सबसे बड़ा जलाशय बना रहे हैं और परियोजना के लिए विभिन्न अध्ययनों में लगा वक्त पूरी तरह से उपयुक्त है.
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