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This Article is From Dec 11, 2015

क्या कलबुर्गी, दाभोलकर और पंसारे की हत्या एक ही संगठन ने की?

क्या कलबुर्गी, दाभोलकर और पंसारे की हत्या एक ही संगठन ने की?
बेंगलुरु: कर्नाटक की सीआईडी प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही है। इस जांच से कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं। जांच अधिकारियों को अब तक मिले सबूतों से पता चला है कि दाभोलकर, पंसारे और प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या एक ही संगठन ने सुनियोजित ढंग से की। इतना ही नहीं तीनों ही हत्याओं में एक ही हथियार का इस्तेमाल हुआ, यानी 7.65 एमएम देसी कट्टा का।

मौक़ा-ए-वारदात से हासिल किए गए कारतूसों की फोरेंसिक रिपोर्ट से भी यही साबित हुआ है कि तीनों ही हत्याओं में इस्तेमाल किए गए हथियार एक ही थे। इस सिलसिले में जब एनडीटीवी ने सीआईडी के पुलिस महानिदेशक किशोर चंद्रा से पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी वो शहर से बाहर हैं और उन्होंने रिपोर्ट देखी नहीं है।

हालांकि मामला इतना संगीन होने के बावजूद दाभोलकर और पंसारे की हत्या में इस्तेमाल हुई बुलेट का मिलान करना महाराष्ट्र पुलिस ने जरूरी नहीं समझा। तीनों हत्याओ में असलहा और बुलेट की समानता है, इस नतीजे पर पहली बार कर्नाटक की सीआईडी ही पहुंची।

प्रोफेसर एमएम कलबुर्गी की हत्या इसी साल अगस्त में कर्नाटक के धारवाड़ में दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने कर दी थी। कलबुर्गी कन्नड़ भाषा के लेखक और चिंतक थे।

इसी तरह साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में वामपंथी नेता गोविंद पंसारे की हत्या दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार युवकों ने की थी। इसी तर्ज़ पर पहली हत्या स्वतंत्र विचारक नरेंद्र दाभोलकर की पुणे में 2013 में की गई थी।

जांच एजेंसियां इस सिलसिले में रूद्र पाटिल नाम के एक शख्स को ढूंढ रही है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो मास्टरमाइंड है। पाटिल 2009 में गोवा में हुए ब्लास्ट की वजह से भी एनआईए के रडार पर है।

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