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This Article is From Feb 15, 2017

शशिकला ने किया सरेंडर, भेजी गईं जेल, भ्रष्टाचार के मामले में मिली है चार साल की सजा

शशिकला ने किया सरेंडर, भेजी गईं जेल, भ्रष्टाचार के मामले में मिली है चार साल की सजा
जयललिता की समाधि पर शशिकला ने माथा टेका....
चेन्नई: भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार शशिकला ने बेंगलुरु जेल में सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से शशिकला को और मोहलत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना है था कि उन्हें आज ही सरेंडर करना होगा. इसके बाद शशिकला बेंगलुरु के लिए निकलीं. रास्ते में वह जयललिता की समाधि पर पहुंचीं और माथा टेका. इसके बाद शशिकला एमजीआर के मेमोरियल पर गईं. इससे पूर्व देर रात शशिकला गोल्डन रिसॉर्ट से अपने घर पोएस गार्डन लौटी थीं. फैसला आने के बाद देर रात वह पहली बार जनता के सामने आकर अपने भावुक संबोधन में कहा था कि अगर वह जेल भी चली जाएं तो भी उनके विचार पार्टी के साथ ही रहेंगे. (जब शशिकला के वकील ने मांगा सरेंडर के लिए समय तो कोर्ट ने कहा- 'Immediately' का मतलब जानते हैं)
 
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वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी नेता देर रात चेन्नई के मरीना बीच पर जयललिता की समाधि पर गए थे. पन्नीरसेल्वम खेमे में आईं जयललिता की भतीजी दीपा भी जयललिता की समाधि पर नज़र आईं थी. इससे पहले गर्वनर से मिलकर शशिकला कैंप के नेता और AIADMK विधायक दल के नेता पलनीसामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं बाद में पन्नीरसेल्वम के समर्थकों ने भी राज्यपाल से मुलाकात की. पन्नीरसेल्वम ने विधायकों से अपील की है कि वह पार्टी के लिए एकता दिखाएं.
 
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इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पूरे दिन राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलता रहा. दोनों गुट अपना-अपना दांव चलते रहे. मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में लगी शशिकला को अब जेल जाना होगा. आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चार साल की सज़ा सुनाई है. साथ ही दस करोड़ का जुर्माना भी है. अब वह अलगे दस साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. इसी के साथ तमिलनाडु की राजनीति में कुर्सी की लड़ाई खासी तेज़ और दिलचस्प हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को सजा के लिए ये 12 तथ्य बने अहम कारण- शशिकला पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 570 पेज का है. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा छानबीन किए गए आयकर संबंधी दस्तावेजों की अलग से जांच नहीं की बल्कि सिर्फ बचाव पक्ष के आयकर रिटर्न के कागजातों पर गौर किया. हाईकोर्ट इस केस से जुड़े अहम सबूतों पर गौर करने में नाकाम रहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जयललिता, शशिकला और दो अन्य ने साजिश रची और आगे जयललिता ने पब्लिक सर्वेट होने के तहत आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और शशिकला व अन्य दो को भी बांटी. जयललिता के अकाउंट से शशिकला के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करना ये साबित करता है कि इस मामले में चारों सामूहिक रूप से शामिल हैं. इस मामले में ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जयललिता इस पूरे मामले से अंजान रहीं.

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