वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता का लम्बी बीमारी के कारण आज उनका निधन हो गया। वो 73 वर्ष के थे। आउटलुक पत्रिका के फाउंडर एडिटर विनोद ने दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस ली।
एम्स के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने कहा कि उनका निधन विभिन्न अंगों के काम करना बंद करने के कारण हुई। मेहता का जन्म 1942 में रावलपिंडी में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। मेहता साहसपूर्ण पत्रकार के रूप में जाने जाते थे। वह फरवरी 2012 तक आउटलुक के एडिटर इन चीफ थे।
आउटलुक में काम करने से पहले उन्होंने तीन दशक पहले दिल्ली में पायनियर अखबार को सफलतापूर्वक पेश किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेहता के निधन पर शोक प्रकट किया है।
Frank & direct in his opinions, Vinod Mehta will be remembered as a fine journalist & writer. Condolences to his family on his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2015
मोदी ने ट्विट किया, ‘अपने विचार में स्पष्ट और बेबाक विनोद मेहता को एक शानदार पत्रकार और लेखक के रूप में जाना जाएगा।
मेहता प्रतिष्ठित संपादक थे जिन्होंने सफलतापूर्वक ‘संडे आब्जर्वर, ‘इंडियन पोस्ट’, ‘द इंडिपेंडेंट’, द पायनियर (दिल्ली संस्करण) और फिर आउटलुक की शुरूआत की। मेहता तीन वर्ष के थे जब विभाजन के बाद वह अपने परिवार के साथ भारत आए। उनका परिवार लखनऊ में बस गया जहां से उन्होंने स्कूली शिक्षा और फिर बीए की डिग्री हासिल की।
बीए डिग्री के साथ उन्होंने घर छोड़ा और एक फैक्टरी में काम करने से लेकर कई नौकरियां कीं। साल 1974 में उन्हें डेबोनियर का संपादन करने का मौका मिला। कई वर्ष बाद वह दिल्ली चले आए जहां उन्होंने ‘द पायनियर’ अखबार के दिल्ली संस्करण पेश किया। उन्होंने सुमिता पाल से विवाह किया जिन्होंने पत्रकार के रूप में पायनियर में काम किया। दम्पति को कोई संतान नहीं है।
अपनी पुस्तक ‘लखनऊ ब्यॉय’ में मेहता ने लिखा है कि उनके अपने जवानी के दिनों के प्रेम संबंध से एक बेटी है।
उन्होंने बताया था कि अपनी आत्मकथा में जब तक उन्होंने यह बात नहीं लिखी थी तब तक उनकी बेटी के बारे में सिर्फ उनकी पत्नी को जानकारी थी। मेहता ने बताया था कि उन्होंने अपनी पत्नी को इस बारे में बताया और उसने मुझे किताब में इसका जिक्र करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मेहता ने मीना कुमारी और संजय गांधी की जीवनी लिखी और 2001 में उनके लेखों का संकलन ‘मिस्टर एडिटर : हाउ क्लोज आर यू टू द पीएम’ प्रकाशित हुआ। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मेहता के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से पत्रकारिता के क्षेत्र में खालीपन आ गया है। वे बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे।
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