नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों की 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सैनिक देश की सेवा करते हैं, लेकिन उन्हें अपना जायज हक नहीं मिलता।
अण्णा हजारे के संबोधन के प्रमुख बिंदु:
अण्णा हजारे के संबोधन के प्रमुख बिंदु:
- सेना के जवान रातभर जागते हैं, इसलिए देश के लोग चैन की नींद सो पाते हैं।
- यहां कई विधवाएं हैं और उन्हें 4000 रुपये की पेंशन मिलती है। आज के दौर में वो इतनी कम पेंशन में परिवार कैसे चलाएंगी?
- संसद में पिछले 5 दिन से हंगामा हो रहा है। इस हंगामे में कितना पैसा बर्बाद हो गया?
- हम पूर्व सैनिकों के परिवारों की बदहाल हालत अब हम नहीं देख सकते।
- मैंने निर्णय लिया है कि मैं समाज के लिए ही जिऊंगा और मरूंगा।
- मैंने लोगों से कहा था, जब मेरे भाई प्रदर्शन के लिए उठ खड़े होंगे तो मैं भी उनका साथ दूंगा।
- मैं आज यहां यह सोचकर आया हूं कि वन रैंक वन पेंशन के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा करूंगा। लेकिन मेरी आप सबसे गुजारिश है कि यह सब अहिंसा के रास्ते से हो।
- हम 2 अगस्त को लुधियाना, 9 अगस्त को रोहतक और 23 अगस्त को महाराष्ट्र में आयोजित होने वाली रैली में जाएंगे।
- 2 अक्टूबर को हम एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़े आंदोलन के लिए इकट्ठा होंगे, बिल्कुल वैसे ही जैसे लोकपाल के लिए इकट्ठा हुए थे।
- भ्रष्टाचार मिटाने के प्रति बहुत आश्वासन मिल चुके हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक कुछ नहीं किया।
- सरकार ने 'वन रैंक वन पेंशन' देने का भी वादा किया था।
- हमारे रक्षा मंत्री बहुत अच्छे आदमी हैं। मैं उन्हें जानता हूं। उन्होंने 'वन रैंक वन पेंशन' देने का निर्णय किया था। उन्होंने कहा था, इसके लिए 500 करोड़ अलग रखने का निर्णय लिया है, लेकिन यह अभी होना बाकी है।
- हमारे पास दो महीने हैं। मैं पूरे देश में रैली करूंगा और जागरुकता फैलाऊंगा।
- सरकार को लगता है कि वे वादा करेंगे और लोग वोट कर देंगे। अब वे पूर्ण बहुमत में हैं। अगर उन्हें लगता है कि कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता तो उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनके लिए एक-एक दिन कठिन होने वाला है।
- सरकार को 'वन रैंक वन पेंशन' का अपना वादा नहीं भूलना चाहिए।
- मेरा बस यही दर्ख्वास्त है कि आज स्टेज पर कोई भी नेता नहीं पहुंचना चाहिए।
- मैं यहां वोट के लिए कहने नहीं आया हूं।
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