यह ख़बर 11 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राजा की जमानत पर फैसला 15 मई तक टला

खास बातें

  • केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की जमानत अर्जी पर फैसला शुक्रवार को 15 मई तक के लिए टाल दिया।
नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की जमानत अर्जी पर फैसला शुक्रवार को 15 मई तक के लिए टाल दिया।

सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा, "दलीलें सुनी गईं, फैसला 15 मई तक के लिए टाल दिया गया है।"

राजा ने इस मामले के एक अन्य आरोपी पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने का जिक्र करते हुए समानता के आधार पर अपने लिए भी जमानत की अर्जी सीबीआई की अदालत में दी थी।

राजा के वकील रमेश गुप्ता ने सर्वोच्च न्यायालय से बेहुरा को मिली जमानत का जिक्र करते हुए कहा कि समानता के आधार पर राजा को भी जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, "राजा काफी समय से मंत्री नहीं हैं और जेल में बंद हैं। रिकॉर्ड बताते हैं कि मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की तुलना में उनका रवैया अधिक सहयोगात्मक है।"

वहीं, सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए कहा कि राजा पर 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है, जो उनके मामले को बेहुरा से बहुत अलग बनाता है। सीबीआई के वकील एके सिंह ने कहा कि राजा पर उन सभी आरोपियों से अधिक गम्भीर अरोप हैं, जो जमानत पर रिहा किए गए हैं।

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सिंह ने कहा कि मामले की सुनवाई महत्वपूर्ण मोड़ है और यदि राजा को रिहा किया गया तो वह इससे जुड़े महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि उनमें से कुछ राजा के गृह राज्य तमिलनाडु से हैं। सीबीआई ने अदालत को बताया कि मामले के कुछ पहलुओं की जांच अब भी जारी है।