चौतरफा आलोचना के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि उनका बयान किसानों को लेकर नहीं था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कर्ज छूट की मांग करना अब फैशन बन गया है लेकिन यह अंतिम समाधान नहीं है और कठिन हालात में इस पर विचार होना चाहिए. उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में किसानों ने अपने कर्ज की माफी की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हाल में प्रदर्शन किया है. नायडू के इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही है. निंदा के बाद उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने यह बात राजनीतिक दलों के विषय में कही थी.
मुंबई में एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि कर्ज छूट की मांग करना इन दिनों फैशन बन गया है. लेकिन कर्ज माफी अंतिम समाधान नहीं है और इस बारे में कठिन हालात में ही सोचा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों की अच्छी लाभकारी कीमत मिलने की जरूरत है और जो बदहाली में हैं उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें गोदाम, शीत भंडारण, रेफ्रिजिरेटर वैन समेत अन्य तरह का समुचित ढांचा तैयार करना चाहिए. हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इन किसानों को किफायती दर पर कर्ज मिले.
वेंकैया नायडू के बयान के बाद उन पर आलोचनाओं के वार होने लगे. आम आदमी पार्टी और माकपा ने उनके बयान की आलोचना की थी. आलोचना झेल रहे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने नई दिल्ली में स्पष्ट किया कि वह एकदूसरे से कर्ज राहत के लिए कहने पर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के फैशन का हवाला दे रहे थे.
नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आज कर्ज छूट के लिए कहना राजनीतिक दलों का फैशन बन गया है. उन्होंने कहा कि जब वे मुंबई में बात कर रहे थे तो उन्होंने कर्ज माफी के लिए एकदूसरे को कहने को लेकर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के रूख का हवाला दिया था. यह उल्लेख करते हुए कि किसानों की बदहाली के लिए कृषि कर्ज माफी एकमात्र समाधान नहीं है, नायडू ने कहा कि यह बदहाली या बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में एक अस्थाई समाधान हो सकता है.
नायडू ने कहा राजनीतिक दलों को ग्रामीण सड़क, सुनिश्चित बिजली आपूर्ति शीत भंडारण और गोदाम की व्यवस्था, किफायती दर पर कर्ज के साथ ही उनके उत्पादों के लिए बाजार की सुविधा प्रदान करने जैसे स्थाई समाधान पर फोकस करना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
मुंबई में एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि कर्ज छूट की मांग करना इन दिनों फैशन बन गया है. लेकिन कर्ज माफी अंतिम समाधान नहीं है और इस बारे में कठिन हालात में ही सोचा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों की अच्छी लाभकारी कीमत मिलने की जरूरत है और जो बदहाली में हैं उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें गोदाम, शीत भंडारण, रेफ्रिजिरेटर वैन समेत अन्य तरह का समुचित ढांचा तैयार करना चाहिए. हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इन किसानों को किफायती दर पर कर्ज मिले.
वेंकैया नायडू के बयान के बाद उन पर आलोचनाओं के वार होने लगे. आम आदमी पार्टी और माकपा ने उनके बयान की आलोचना की थी. आलोचना झेल रहे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने नई दिल्ली में स्पष्ट किया कि वह एकदूसरे से कर्ज राहत के लिए कहने पर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के फैशन का हवाला दे रहे थे.
नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आज कर्ज छूट के लिए कहना राजनीतिक दलों का फैशन बन गया है. उन्होंने कहा कि जब वे मुंबई में बात कर रहे थे तो उन्होंने कर्ज माफी के लिए एकदूसरे को कहने को लेकर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के रूख का हवाला दिया था. यह उल्लेख करते हुए कि किसानों की बदहाली के लिए कृषि कर्ज माफी एकमात्र समाधान नहीं है, नायडू ने कहा कि यह बदहाली या बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में एक अस्थाई समाधान हो सकता है.
नायडू ने कहा राजनीतिक दलों को ग्रामीण सड़क, सुनिश्चित बिजली आपूर्ति शीत भंडारण और गोदाम की व्यवस्था, किफायती दर पर कर्ज के साथ ही उनके उत्पादों के लिए बाजार की सुविधा प्रदान करने जैसे स्थाई समाधान पर फोकस करना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं