महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले का वेंकैया नायडू ने किया बचाव, दिया यह बयान

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायूड ने कहा कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया.

महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले का वेंकैया नायडू ने किया बचाव, दिया यह बयान

वेंकैया नायूड ने कहा कि महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया.

खास बातें

  • वेंकैया नायडू ने कहा-जल्दबाजी में नहीं लिया गया फैसला
  • फैसला पूरी तरह से संविधान के प्रावधानों के अनुरूप था
  • कहा-मैंने अपना काम किया, मैं इससे पूरी तरह से संतुष्ट हूं
नई दिल्ली:

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायूड ने कहा कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि यह फैसला एक महीने तक 'पूरी तरह सोच विचार' करने के बाद लिया गया. उन्होंने कहा कि सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस खारिज करने का फैसला पूरी तरह संविधान एवं न्यायाधीश जांच अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप था. सीजेआई के महाभियोग पर विपक्ष के प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करने पर वेंकैया नायडू ने कहा कि मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई. मैंने अपना काम किया और मैं इससे पूरी तरह से संतुष्ट हूं. 

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महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के एक दिन बाद सूत्रों ने नायडू के हवाले से कहा, 'अभिव्यक्ति की आजादी इसकी अनुमति देती है, लेकिन आखिरकार सच की जीत होती है. मुझसे जो अपेक्षा की जाती थी वह न्यायपूर्ण काम मैंने बेहतरीन तरीके से किया.' उन्होंने कहा कि संविधान और न्यायाधीश जांच कानून 1968 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करते हुए उन्होंने निर्णय किया.

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उच्चतम न्यायालय के 10 वकीलों के एक समूह से नायडू ने कहा, 'मैंने अपना काम किया है और मैं इससे संतुष्ट हूं.' ये वकील महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले पर नायडू को बधाई देने के लिए आए थे. नायडू ने वकीलों से कहा कि राज्यसभा के सभापति का दफ्तर महज डाकघर नहीं है, बल्कि एक संवैधानिक संस्था भी है जो उप-राष्ट्रपति भी है.

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सूत्रों के मुताबिक, नायडू ने कहा कि सीजेआई देश के सर्वोच्च न्यायिक पदाधिकारी हैं और 'उनसे जुड़ा कोई भी मुद्दा अगर सार्वजनिक तौर पर आता है तो उसे तय प्रक्रियाओं के मुताबिक जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है ताकि माहौल को ज्यादा खराब होने से रोका जाए.' नायडू ने एक दिन पहले कांग्रेस सहित सात विपक्षी पार्टियों की ओर से दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया था. कांग्रेस ने उनके फैसले को 'अवैध' और 'जल्दबाजी' में उठाया गया कदम बताया था.

(इनपुट : भाषा)


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