
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
वंदे मातरम विवाद पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की टिप्पणी
नायडू बोले- मां को सलाम नहीं करेंगे तो क्या अफजल गुरु को
किताब के विमोचन के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कही ये बात
यह भी पढ़ें - 'पद्मावती' पर जारी विवादों के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, लोकतंत्र में हिंसक धमकियां स्वीकार्य नहीं
उन्होंने राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का प्रयास करने वाले लोगों का उल्लेख करते हुए कहा कि वंदे मातरम का मतलब मां की प्रशंसा करना होता है. उन्होंने कहा कि जब कोई कहता है ‘भारत माता की जय’ वह केवल किसी तस्वीर में किसी देवी के बारे में नहीं है. उन्होंने कहा, 'यह इस देश में रह रहे 125 करोड़ लोगों के बारे में है, चाहे उनकी जाति, रंग, पंथ या धर्म कुछ भी हो. वे सभी भारतीय हैं. उन्होंने हिंदुत्व पर उच्चतम न्यायालय के 1995 के फैसले का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि यह कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है.
यह भी पढ़ें - वेंकैया नायडू ने जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को दिया कुछ और समय
VIDEO: राजघाट पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व भारत की संस्कृति और परंपरा है जो विभिन्न पीढ़ियों से गुजरा है. उपासना के अलग अलग तरीके हो सकते हैं लेकिन जीवन जीने का एक ही तरीका है और वह है हिंदुत्व. नायडू ने कहा कि हमारी संस्कृति 'वासुधैव कुटुम्बकम' सिखाती है जिसका मतलब है कि विश्व एक परिवार है. उन्होंने सिंघल पर कहा कि वह हिंदुत्व के समर्थकों में से एक थे और उन्होंने अपने जीवन के 75 वर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए समर्पित कर दिये.
(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं