(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लंदन में लिस्टेड कंपनी वेदांता रिसोर्सेज़ के मालिक और अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग्स में हुए विरोध प्रदर्शन तथा प्रदर्शनकारियों पर की गई पुलिस फायरिंग के बाद कहा है कि वह इस कंपनी को बंद कर रहे हैं. वेदांता में 71.4 प्रतिशत हिस्से के मालिक अनिल अग्रवाल स्क्रैप डीलर से 'मैटल मैगनेट' बने हैं, लेकिन भारत में उनकी कंपनियों पर कथित रूप से प्रदूषण फैलाने के आरोपों को लेकर हंगामा होता रहा है. ऐसा ही विरोध प्रदर्शन तूतुकोडि में मंगलवार को हुआ, लेकिन वहां हिंसा भड़क गई, और पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें बुधवार तक 12 लोगों की मौत हो चुकी थी.
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वेदांता ने इसके बाद एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी को इस घटना को लेकर अफसोस है, और वह प्रशासन के साथ अपने कर्मचारियों, परिसरों तथा आसपास के इलाकों में रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है. प्रॉक्सी एडवायज़री फर्म InGovern के प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रह्मण्यम ने कहा, "इस घटना से हमारे निवेशक हमारी कंपनी में निवेश करने को लेकर ज़्यादा सावधान हो जाएंगे, जिससे दीर्घावधि में हमारे कुछ व्यवसायों को नुकसान होगा." इससे पहले, इसी महीने की शुरुआत में अनिल अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा था कि उनकी कंपनी उस विदेशी साज़िश का शिकार हो रही है, जिसका लक्ष्य भारत को आयात पर निर्भर बनाए रखना है. उन्होंने अपने ट्वीट में किसी कंपनी या देश का नाम नहीं लिया था. उन्होंने लिखा था, "कुछ निहित स्वार्थ चाहते हैं कि भारत आयात पर ही निर्भर बना रहे, और वे भारत को अपने बाज़ार की तरह इस्तेमाल करते रहें, ताकि भारत अपनी मेहनत से कमाई विदेशी मुद्रा को खर्च करता रहे, और करोड़ों नौकरियां भी गंवा दे."
VIDEO : प्रदूषण बोर्ड ने तूतीकोरिन प्लांट बंद करने के आदेश दिये
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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वेदांता ने इसके बाद एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी को इस घटना को लेकर अफसोस है, और वह प्रशासन के साथ अपने कर्मचारियों, परिसरों तथा आसपास के इलाकों में रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है. प्रॉक्सी एडवायज़री फर्म InGovern के प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रह्मण्यम ने कहा, "इस घटना से हमारे निवेशक हमारी कंपनी में निवेश करने को लेकर ज़्यादा सावधान हो जाएंगे, जिससे दीर्घावधि में हमारे कुछ व्यवसायों को नुकसान होगा." इससे पहले, इसी महीने की शुरुआत में अनिल अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा था कि उनकी कंपनी उस विदेशी साज़िश का शिकार हो रही है, जिसका लक्ष्य भारत को आयात पर निर्भर बनाए रखना है. उन्होंने अपने ट्वीट में किसी कंपनी या देश का नाम नहीं लिया था. उन्होंने लिखा था, "कुछ निहित स्वार्थ चाहते हैं कि भारत आयात पर ही निर्भर बना रहे, और वे भारत को अपने बाज़ार की तरह इस्तेमाल करते रहें, ताकि भारत अपनी मेहनत से कमाई विदेशी मुद्रा को खर्च करता रहे, और करोड़ों नौकरियां भी गंवा दे."
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