प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश सचिव को लिखे जवाबी ख़त में पाकिस्तान से Pok खाली करने की मांग की है. कश्मीर पर बातचीत के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए भारत ने प्रस्ताव रखा कि आतंकवाद पर बातचीत ज़्यादा ज़रूरी है, क्योंकि कश्मीर में हालात उसी की वजह से ख़राब हैं.
भारत ने अपनी जवाबी ख़त में लिखा कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंक और हिंसा ख़त्म करे और इसे फैलाने वालों पर कार्रवाई करे. भारत ने साफ किया कि सार्क देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में अरुण जेटली के जाने पर कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है.
अपने पाकिस्तानी समकक्ष की कश्मीर पर बातचीत की पेशकश के जवाब में विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चर्चा जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और घाटी में हिंसा और आतंकवाद को उकसावा देना बंद करने पर केंद्रित होनी चाहिए.
(ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के लक्ष्मण रेखा पार करने के पाक के बयान पर भारत ने कहा, पहले अपने गिरेबान में झांकें)
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि जयशंकर ने यह बताया कि वह अपने समकक्ष का इस्लामाबाद आने का न्यौता स्वीकार करते हैं, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि चर्चा सबसे पहले उनकी ओर से जम्मू-कश्मीर के बारे में उठाए गए विषयों पर होनी चाहिए. स्वरूप ने कहा, '16 अगस्त को लिखे पत्र में विदेश सचिव ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान के स्वपोषित आरोपों को भारत सरकार पूरी तरह से खारिज करती है. पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर में कोई अधिकार नहीं है और यह भारत का अभिन्न हिस्सा है.' विदेश सचिव ने कहा कि वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली कराने के विषय पर चर्चा करने को उत्सुक हैं.
अपने पत्र में विदेश सचिव ने मुंबई और पठानकोट हवाई अड्डे के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के महत्व को रेखांकित किया, जो पाकिस्तान में है. (इनपुट भाषा से भी)
भारत ने अपनी जवाबी ख़त में लिखा कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंक और हिंसा ख़त्म करे और इसे फैलाने वालों पर कार्रवाई करे. भारत ने साफ किया कि सार्क देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में अरुण जेटली के जाने पर कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है.
अपने पाकिस्तानी समकक्ष की कश्मीर पर बातचीत की पेशकश के जवाब में विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चर्चा जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और घाटी में हिंसा और आतंकवाद को उकसावा देना बंद करने पर केंद्रित होनी चाहिए.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि जयशंकर ने यह बताया कि वह अपने समकक्ष का इस्लामाबाद आने का न्यौता स्वीकार करते हैं, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि चर्चा सबसे पहले उनकी ओर से जम्मू-कश्मीर के बारे में उठाए गए विषयों पर होनी चाहिए. स्वरूप ने कहा, '16 अगस्त को लिखे पत्र में विदेश सचिव ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान के स्वपोषित आरोपों को भारत सरकार पूरी तरह से खारिज करती है. पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर में कोई अधिकार नहीं है और यह भारत का अभिन्न हिस्सा है.' विदेश सचिव ने कहा कि वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली कराने के विषय पर चर्चा करने को उत्सुक हैं.
अपने पत्र में विदेश सचिव ने मुंबई और पठानकोट हवाई अड्डे के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के महत्व को रेखांकित किया, जो पाकिस्तान में है. (इनपुट भाषा से भी)
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