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This Article is From May 01, 2016

उत्तराखंड : जंगलों में लगी आग पर पानी की बौछार के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात

उत्तराखंड : जंगलों में लगी आग पर पानी की बौछार के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात
प्रतीकात्मक फोटो
देहरादून: उत्तराखंड में करीब 1,900 हेक्टयेर वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आग लगने के बाद सरकार ने शनवार को दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात करने का फैसला किया। इस बीच, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और थलसेना के जवान आग बुझाने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। इस आग में अब तक छह लोग मारे जा चुके हैं।

करीब दो हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद
इस मौसम में आग से कुल 1890.79 हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद हो चुका है। आग का यह सिलसिला शुष्क जाड़े के कारण दो फरवरी को शुरू हुआ था। चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागड़ और नैनीताल सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से हैं।

नैनीताल और पौड़ी में भेजे वायुसेना का हेलीकॉप्टर
राज भवन के अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ की तीन और एसडीआरएफ की एक कंपनी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आग बुझाने में व्यस्त है। भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को नैनीताल और पौड़ी जिलों में भेजा गया है ताकि वे जल रहे जंगलों में पानी की बौछार कर सकें। अधिकारियों ने बताया कि जरूरी कर्मियों एवं उपकरणों के अलावा पर्याप्त कोष सभी प्रभावित जिलों को उपलब्ध कराया गया है ताकि वे हालात से निपट सकें।

मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया, ‘नैनीताल के पास भीमताल में एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर खड़ा है जिस पर इलाके के जलाशयों से पानी लादा जा रहा है। कल से प्रभावित इलाकों में पानी की बौछार शुरू की जाएगी ।’ राज भवन के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना के एक अन्य हेलीकॉप्टर को पौड़ी भेजा गया है।

फरवरी से जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी
प्रधान वन संरक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के फैलने से एनडीआरएफ की तीन टीमें अल्मोड़ा, गौचर और पौड़ी में आग बुझाने के लिए लगाई गई हैं जबकि एसडीआरएफ की एक टीम नैनीताल में लगाई गई है। इस साल फरवरी की शुरुआत से राज्य के वनों में आग लगने की घटनाएं शुरू हुईं और अभी तक इस तरह की 922 घटनाएं हो चुकी हैं। अलग-अलग घटनाओं में तीन महिलाओं और एक बच्चे सहित छह लोग मारे गए हैं और सात लोग घायल हुए हैं ।

सेना की मदद ले  रहा वन प्रमंडल
गुप्ता ने बताया कि रुद्रप्रयाग का वन प्रमंडल आग पर काबू पाने, विशेषकर राजमार्गों से सटे इलाकों में आग बुझाने के लिए सेना की मदद ले रहा है। उन्होंने कहा कि चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। आग लगने से 1890.79 हेक्टेयर हरित क्षेत्र बर्बाद हो गया है।

राज्यपाल केके पॉल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ बचाव प्रयासों की समीक्षा की और उन्हें अपने प्रयासों में तेजी लाने को कहा। आईजी संजय गुंजयाल बचाव अभियान पर नजर रखने के लिए एनडीआरएफ, संबद्ध जिला मजिस्ट्रेटों और प्रधान वन संरक्षक के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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