प्रतीकात्मक तस्वीर...
बहराइच:
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में गुरुचाही गांव के चौराहे के निकट स्थित झोपड़ी में खाना बनाते समय अचानक आग लग गई। परिवार के लोग गृहस्थी बचाने में जुट गए। इस दौरान सगी बहनें झोपड़ी में ही रह गईं। झुलसकर दोनों की मौत हो गई।
इस घटना में घर से सामान निकालने में मां-बाप समेत तीन झुलसकर घायल हो गए। उन्हें सीएचसी पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जिंदा जली बहनों के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
रिसिया थाना अंतर्गत गुरुचाही गांव आसामरोड-कटिलिया चौराहा संपर्क मार्ग पर स्थित है। गांव के निकट संपर्क मार्ग पर चौराहा है। इसी चौराहे के पास वारिस झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहता है। शुक्रवार शाम के आसपास वारिस की पत्नी खाना बना रही थी, जबकि वारिस घर के गेट पर कुछ लोगों के साथ बैठा बात कर रहा था।
इस दौरान उसकी बेटी सीमा (8) व शीबा (10) झोपड़ी के अंदर खेल रही थी। इसी दौरान चूल्हे की भड़की चिंगारी से छप्पर में आग लग गई। पहले तो वारिस की पत्नी ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन सफल न होने पर शोर मचाया। पति वारिस दौड़े, लेकिन वह भी आग बुझाने में असफल रहे।
इस पर परिवार के सदस्य अनाज, कपड़ा, बर्तन व गृहस्थी का अन्य सामान निकालने में जुट गए। तभी आग पूरी झोपड़ी में फैल गई। सीमा और शीबा झोपड़ी के अंदर ही रह गई, जबकि गृहस्थी बचाने के चक्कर में वारिस, उनकी पत्नी और बड़ी बेटी रूबी झुलसकर घायल हुए हैं। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े, लेकिन जब तक लोगों ने आग पर काबू पाया तब तक झोपड़ी के अंदर मौजूद दोनों बहनों की झुलसकर मौत हो चुकी थी।
इस हादसे में झुलसे वारिस व परिवार के अन्य सदस्यों को आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
थानाध्यक्ष आलोक राव ने कहा कि झुलसी दोनों बहनों के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब झोपड़ी धू-धू कर जल रही थी, तभी अचानक वारिस को बेटियों की याद आई तो वह झोपड़ी की ओर भागा, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह उसे काबू में किया।
इस घटना में घर से सामान निकालने में मां-बाप समेत तीन झुलसकर घायल हो गए। उन्हें सीएचसी पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जिंदा जली बहनों के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
रिसिया थाना अंतर्गत गुरुचाही गांव आसामरोड-कटिलिया चौराहा संपर्क मार्ग पर स्थित है। गांव के निकट संपर्क मार्ग पर चौराहा है। इसी चौराहे के पास वारिस झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहता है। शुक्रवार शाम के आसपास वारिस की पत्नी खाना बना रही थी, जबकि वारिस घर के गेट पर कुछ लोगों के साथ बैठा बात कर रहा था।
इस दौरान उसकी बेटी सीमा (8) व शीबा (10) झोपड़ी के अंदर खेल रही थी। इसी दौरान चूल्हे की भड़की चिंगारी से छप्पर में आग लग गई। पहले तो वारिस की पत्नी ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन सफल न होने पर शोर मचाया। पति वारिस दौड़े, लेकिन वह भी आग बुझाने में असफल रहे।
इस पर परिवार के सदस्य अनाज, कपड़ा, बर्तन व गृहस्थी का अन्य सामान निकालने में जुट गए। तभी आग पूरी झोपड़ी में फैल गई। सीमा और शीबा झोपड़ी के अंदर ही रह गई, जबकि गृहस्थी बचाने के चक्कर में वारिस, उनकी पत्नी और बड़ी बेटी रूबी झुलसकर घायल हुए हैं। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े, लेकिन जब तक लोगों ने आग पर काबू पाया तब तक झोपड़ी के अंदर मौजूद दोनों बहनों की झुलसकर मौत हो चुकी थी।
इस हादसे में झुलसे वारिस व परिवार के अन्य सदस्यों को आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
थानाध्यक्ष आलोक राव ने कहा कि झुलसी दोनों बहनों के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब झोपड़ी धू-धू कर जल रही थी, तभी अचानक वारिस को बेटियों की याद आई तो वह झोपड़ी की ओर भागा, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह उसे काबू में किया।
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