प्रतीकात्मक
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित होटल रेनेसां में एक्जीक्यूटिव नमन की हत्या के मामले में छानबीन कर रही पुलिस टीम को नमन की फेसबुक आईडी, वाट्सअप नंबर व मोबाइल कॉल डिटेल की मदद से कुछ अहम सुराग मिले हैं।
पुलिस के हाथ कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर लगे हैं और उन्हीं पर सर्विलांस की टीम काम कर रही है। फिलहाल अभी तक नमन की हत्या का मकसद साफ नहीं हो सका है।
अब तक की गई छानबीन में नमन की पहचान कई लड़कियों से होने की बात पता चली है। फेसबुक, वाट्सअप व मोबाइल कॉल डिटेल की गहन छानबीन के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि नमन की हत्या आशनाई के चलते हुई है, पर अभी तक कोई ठोस सबूत पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
एसएसपी राजेश पाण्डेय ने बताया कि नमन की हत्या के मामले में सर्विलांस सेल को कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं। सर्विलांस सेल की टीम उनकी संदिग्ध मोबाइल नंबर धारकों व उनका विवरण खंगालने में जुटी है। एक-दो दिन में सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभी नमन की हत्या के मकसद का पता नहीं चल सका है। वहीं घटना के बाद से गायब नमन की बाइक व हेलमेट का भी पता नहीं चल सका है। मड़ियांव के महार्षिनगर निवासी 25 वर्षीय नमन होटल रेनेसां में एक्जीक्यूटिव के पद पर तैनात था। उसने 2 नवंबर को ही नौकरी ज्वाइन की थी।
नमन 19 नवंबर की रात अपनी बाइक से होटल से घर की तरफ जा रहा था। रास्ते में मधुरिमा स्वीट्स के सामने पुल पर नमन को गोली मार दी गई थी। घायल नमन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
स्थानीय पुलिस शुरुआत में नमन की मौत को महत एक मामूली सड़क हादसा बता रही थी, पर बाद में जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि नमन को दो गोली मार दी गई थी। नमन चार साल से दिल्ली की रहने वाले एक युवती के साथ 'लिव-इन रिलेशनशिप' में रह रह था। चंद रोज पहले नमन व युवती की शादी भी तय हुई थी।
पुलिस के हाथ कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर लगे हैं और उन्हीं पर सर्विलांस की टीम काम कर रही है। फिलहाल अभी तक नमन की हत्या का मकसद साफ नहीं हो सका है।
अब तक की गई छानबीन में नमन की पहचान कई लड़कियों से होने की बात पता चली है। फेसबुक, वाट्सअप व मोबाइल कॉल डिटेल की गहन छानबीन के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि नमन की हत्या आशनाई के चलते हुई है, पर अभी तक कोई ठोस सबूत पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
एसएसपी राजेश पाण्डेय ने बताया कि नमन की हत्या के मामले में सर्विलांस सेल को कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं। सर्विलांस सेल की टीम उनकी संदिग्ध मोबाइल नंबर धारकों व उनका विवरण खंगालने में जुटी है। एक-दो दिन में सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभी नमन की हत्या के मकसद का पता नहीं चल सका है। वहीं घटना के बाद से गायब नमन की बाइक व हेलमेट का भी पता नहीं चल सका है। मड़ियांव के महार्षिनगर निवासी 25 वर्षीय नमन होटल रेनेसां में एक्जीक्यूटिव के पद पर तैनात था। उसने 2 नवंबर को ही नौकरी ज्वाइन की थी।
नमन 19 नवंबर की रात अपनी बाइक से होटल से घर की तरफ जा रहा था। रास्ते में मधुरिमा स्वीट्स के सामने पुल पर नमन को गोली मार दी गई थी। घायल नमन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
स्थानीय पुलिस शुरुआत में नमन की मौत को महत एक मामूली सड़क हादसा बता रही थी, पर बाद में जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि नमन को दो गोली मार दी गई थी। नमन चार साल से दिल्ली की रहने वाले एक युवती के साथ 'लिव-इन रिलेशनशिप' में रह रह था। चंद रोज पहले नमन व युवती की शादी भी तय हुई थी।
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