उत्तर प्रदेश चुनावों (UP Elections) को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने सामाजिक समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 23 जुलाई को अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन करेगी.
समाचार एजेंसी ANI से मायावती ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि ब्राह्मण अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे. बसपा महासचिव एससी मिश्रा के नेतृत्व में 23 जुलाई को अयोध्या से ब्राह्मण समुदाय को जोड़ने और बसपा शासन में ही उनके हित सुरक्षित होने का आश्वासन देने के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा."
बता दें कि 2007 के यूपी विधान सभा चुनाव में मायावती ने नई सोशल इंजीनियरिंग कर अपनी बदौलत बहुमत हासिल किया था. उस वक्त मायावती ने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ बनाया था और विधानसभा की 403 सीटों में से कुल 206 सीटें जीती थीं. उन्हें कुल 108 सीटों का फायदा हुआ था. यूपी में ब्राह्मणों का 10 फीसदी और दलितों का 20 फीसदी वोट बैंक माना जाता है. 20 फीसदी वोट बैंक मुस्लिमों का भी माना जाता है. मायावती की पार्टी दलितों की पार्टी समझी जाती है, जिसे मुसलमानों का भी साथ मिलता रहा है.
Bahujan Samaj Party (BSP) to hold Brahmin Sammelan on July 23 in Ayodhya ahead of Uttar Pradesh Assembly polls.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 18, 2021
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मायावती ने संसद के मानसून सत्र से पहले सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और किसानों के मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों को एकसाथ आना चाहिए और केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराना चाहिए. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता बेहद दुखद है.
उन्होंने कहा कि संसद में बसपा सांसद ईंधन और रसोई गैस की कीमतों, मुद्रास्फीति और COVID टीकाकरण से संबंधित मामलों को संसद में उठाएंगे. यूपी में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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