बलिया गोलीकांड (Ballia Firing) का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह (Dhirendra Singh) को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी धीरेंद्र सिंह को घटना के तीन दिन बाद दबोचा गया है. धीरेंद्र सिंह ने शनिवार को बलिया की एक अदालत में सरेंडर एप्लीकेशन लगाई थी, जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह कभी भी आत्मसमर्पण कर सकता है. पुलिस ने दुर्जनपुर गांव में हुए गोली कांड में रविवार को 2 और नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव अरेस्ट किया था. इस मामले में कुल 8 नामजद आरोपी हैं.
पुलिस ने सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में फरार आरोपियों के विरुद्ध इनाम घोषित किया था तथा उनके विरुद्ध रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की थी.
बलिया दुर्जनपुर गोली कांड के मुख्य अभियुक्त धीरेन्द्र प्रताप सिंह की करीब 70 घंटे बाद हुई गिरफ्तारी से मृतक परिवार के लोगो ने खुशी जताई है. मृतक का भाई सूरज पाल ने कहा कि आरोपी के पकड़े जाने से खुशी तो है पर उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए और हमारे परिवार को सुरक्षा भी मिलनी चाहिए. घटना का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीमें गठित की थीं.
अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने शनिवार को मुन्ना यादव, राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह एवं नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में कुल आठ नामजद एवं 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं.
पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र दूबे ने रेवती कांड के फरार आरोपियों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, साथ ही आरोपियों के विरुद्ध रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा भी की. इसके पहले पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ के स्तर पर फरार आरोपियों के विरुद्ध 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित किये गये थे.
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