प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीएसएफ के एक सिपाही अच्युतानंद मिश्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के इल्ज़ाम में पकड़ा है. यूपी ATS का कहना है कि उसकी जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी ISI खूबसूरत लड़कियों की फ़र्ज़ी फेसबुक ID बनाकर केंद्रीय बलों के लोगों को मोहब्बत के जाल में फंसाकर जासूसी करा रही है. अच्युतानंद मिश्रा का मामला भी उन्ही में से एक है. दरअसल, यूपी एटीएस ने बीएसएफ के एक कॉन्स्टेबल अच्युतानंद मिश्रा को पाकिस्तान के लिए जसूसी करने के इल्ज़ाम मे पकड़ा है. एटीएस का कहना है कि उसकी जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी आईएसआई की खूबसूरत लड़कियां की फर्जी फेसबुक आईडी बना कर सेंट्रल फोर्सेस के लोगों को मोहब्बत के जाल में फंसा कर जासूसी करा रही है.
केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक सोशल मीडिया के जरिये सात बार लोगों की जासूसी करने की कोशिश की
अच्युतानंद का मामला भी उन्हीं में से एक है. एटीएसी की काऊंटर एसपायोनेज टीम ऐसी इंडियन फेसबुक आईडी की जांच कर रही थी, जो आईएसआई की फेक फेसबुक आईडी के कॉन्टैक्ट में हैं. उसी दौरान उन्हें बीएसएफ के अच्युतानंद उनकी निगाह में आया. अच्युतानंद ने पूछताछ में बताया कि आईएसआई एजेंट ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बताया था. पहले उसने उससे रसीली बातें कीं. फिर शादी का वादा... और उसके बाद उससे जासूसी कराने लगी.
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उन्होंने बताया कि एटीएस और बीएसएफ की टीम ने पहले दिल्ली और नोएडा में दो दिन तक इस संबंध में मिश्र से पूछताछ की. इस दौरान मिश्र के मोबाइल और फेसबुक से तमाम साक्ष्य मिले. उसके द्वारा महिला को भेजे गये वीडियो भी मिले. इस साक्ष्यों के मिलने के बाद मिश्र से पूछताछ की गयी और मंगलवार को उसे सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया. एटीएस का कहना है कि सेना के खुफिया विभाग से उन्हें सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई फेसबुक पर महिलाओं के फर्जी अकाउंट बनाकर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से दोस्ती करती है.
मित्रता होने के बाद वह कर्मियों से गोपनीय सूचनाएं हासिल करने का प्रयास करती है. प्राप्त सूचना के आधार पर एटीएस की काउंटर एस्पियोनाज टीम ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि फेसबुक पर ऐसे कई भारतीय अकाउंट हैं जो आईएसआई की छद्म आईडी के संपर्क में हैं. इस संबंध में गहनता से जांच करने पर बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्र पर संदेह गया.
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मिश्र से पूछताछ और उसका डेटा डाउनलोड तथा एक्स्ट्रैक्ट करने के बाद कई बातें सामने आयीं. उससे पता चला कि मिश्र 2016 में फेसबुक के जरिए महिला के संपर्क में आया था. प्रदेश पुलिस प्रमुख सिंह ने बताया कि मिश्र के फोन में पाकिस्तान का एक फोन नंबर पाकिस्तानी मित्र के नाम से सेव था. वह इसी नंबर पर व्हाटसऐप चैट करता था.
मिश्र की चैट से पता चलता है कि उसे धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित किया जा रहा था. मिश्र इसी नंबर पर सभी सूचनाएं साझा करता था. सुरक्षा बल मिश्र को बुधवार को लखनऊ की अदालत में पेश कर उसकी रिमांड की मांग करेंगे. सिंह ने कहा कि मिश्र के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि पता किया जा सके कि क्या सूचनाएं साझा करने के एवज में उसने पैसे भी लिये थे. (इनपुट भाषा से)
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अच्युतानंद का मामला भी उन्हीं में से एक है. एटीएसी की काऊंटर एसपायोनेज टीम ऐसी इंडियन फेसबुक आईडी की जांच कर रही थी, जो आईएसआई की फेक फेसबुक आईडी के कॉन्टैक्ट में हैं. उसी दौरान उन्हें बीएसएफ के अच्युतानंद उनकी निगाह में आया. अच्युतानंद ने पूछताछ में बताया कि आईएसआई एजेंट ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बताया था. पहले उसने उससे रसीली बातें कीं. फिर शादी का वादा... और उसके बाद उससे जासूसी कराने लगी.
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उन्होंने बताया कि एटीएस और बीएसएफ की टीम ने पहले दिल्ली और नोएडा में दो दिन तक इस संबंध में मिश्र से पूछताछ की. इस दौरान मिश्र के मोबाइल और फेसबुक से तमाम साक्ष्य मिले. उसके द्वारा महिला को भेजे गये वीडियो भी मिले. इस साक्ष्यों के मिलने के बाद मिश्र से पूछताछ की गयी और मंगलवार को उसे सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया. एटीएस का कहना है कि सेना के खुफिया विभाग से उन्हें सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई फेसबुक पर महिलाओं के फर्जी अकाउंट बनाकर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से दोस्ती करती है.
मित्रता होने के बाद वह कर्मियों से गोपनीय सूचनाएं हासिल करने का प्रयास करती है. प्राप्त सूचना के आधार पर एटीएस की काउंटर एस्पियोनाज टीम ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि फेसबुक पर ऐसे कई भारतीय अकाउंट हैं जो आईएसआई की छद्म आईडी के संपर्क में हैं. इस संबंध में गहनता से जांच करने पर बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्र पर संदेह गया.
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मिश्र से पूछताछ और उसका डेटा डाउनलोड तथा एक्स्ट्रैक्ट करने के बाद कई बातें सामने आयीं. उससे पता चला कि मिश्र 2016 में फेसबुक के जरिए महिला के संपर्क में आया था. प्रदेश पुलिस प्रमुख सिंह ने बताया कि मिश्र के फोन में पाकिस्तान का एक फोन नंबर पाकिस्तानी मित्र के नाम से सेव था. वह इसी नंबर पर व्हाटसऐप चैट करता था.
मिश्र की चैट से पता चलता है कि उसे धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित किया जा रहा था. मिश्र इसी नंबर पर सभी सूचनाएं साझा करता था. सुरक्षा बल मिश्र को बुधवार को लखनऊ की अदालत में पेश कर उसकी रिमांड की मांग करेंगे. सिंह ने कहा कि मिश्र के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि पता किया जा सके कि क्या सूचनाएं साझा करने के एवज में उसने पैसे भी लिये थे. (इनपुट भाषा से)
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